Desk:पटना के फ्रीक्वेंट फ्लायर्स (नियमित विमान यात्रा करने वाले यात्रियों) का कहना है कि कोरोना काल में विमानों में बुकिंग बुरी तरह से प्रभावित हुई है। इससे विमानन कंपनियां घाटे में हैं। अब घाटे की भरपाई के लिए विमानन कंपनियों की ओर से मंत्रालय पर दबाव बनाया जा रहा है।एक साल के भीतर हवाई किराए में दूसरी बार बढ़ोतरी की तैयारी से यात्रियों में नाराजगी है। नागर विमानन मंत्रालय की ओर से विमानों के न्यूनतम किराए के बैंड में संभावित बढ़ोतरी की तैयारी है साथ ही इसे एक जून से लागू करने की बात भी कही जा रही है।
इस दबाव के कारण ही एक जून से विमानों का किराया 13 से 16 फीसदी तक बढ़ाने की तैयारी है। यह हाल तब है जब इसी साल फरवरी महीने में विमानों के किराए में दस प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई थी। एक साल के भीतर दूसरी बार विमान किराए में बढ़ोतरी से पटना के यात्रियों में भारी आक्रोश है।
पटना के विमानों में बुकिंग पर भारी असर
डेढ़ महीने पहले तक पटना एयरपोर्ट गुलजार था। हर दिन 96 विमानों की आवाजाही थी और रोजाना 11 हजार यात्री आ जा रहे थे। कोरोना संक्रमण के मामले देश भर में बढ़ने के बाद विमान सेवाओं पर इसका भारी असर हुआ। पहले पखवाड़े में यात्रियों और विमानों की संख्या आधी हुई। अब डेढ़ महीने बाद इसकी संख्या में भारी कमी आई है।
इसका प्रभाव यह है कि विमानन कंपनी के कर्मियों की तनख्वाह पर असर पड़ रहा है। कर्मचारी निकाले जा रहे हैं और हर समय नौकरी जाने का संकट बढ़ा है। इस संकट से उच्चाधिकारियों को गुजरना न पड़े इसलिए विमानन कंपनियां मंत्रालय पर दबाव बना रही हैं, जिसका नुकसान यात्रियों को बढ़े विमान किराए के रूप में भुगतना होगा।
यात्रियों और विमानों की संख्या में भारी कमी ऐसे समझिए
तारीख विमान यात्री
15 अप्रैल 96 10185
18 अप्रैल 94 10351
25 अप्रैल 92 9639
5 मई 66 5953
29 मई 46 4019
क्या होगा अब पटना से विभिन्न शहरों का किराया
शहर पहले अब
चेन्नई 6400 – 20400 7000 -20400
मुंबई 6400 – 20400 7000 -20400
लखनऊ 2900 – 9800 3000 – 9800
दिल्ली 3300 -11700 3800 -11700
ऐसे की गई है बढ़ोतरी
40 मिनट की फ्लाइंग पर 13 प्रतिशत
एक से डेढ़ घंटे की फ्लाइंग पर 14 प्रतिशत
डेढ घंटे से दो घंटे की फ्लाइंग पर 16 प्रतिशत
क्या कहते हैं लोग
युवा उद्यमी प्रख्यात कश्यप ने कहा, ‘कोरोना काल में यह मध्यमवर्गीय लोगों पर दोहरी मार है। व्यवसाय के सिलसिले में मुझे अक्सर एक शहर से दूसरे शहर में जाना होता है। व्यवसाय पहले से ही प्रभावित है। यह काफी असर डालेगा।’
कवि संजीव मुकेश ने कहा, ‘मुझे महीने में तीन चार बार अक्सर यात्रा करनी ही होती है। कई बार सात आठ शहरों में आना जाना होता है। इससे बजट काफी प्रभावित होगा। हवाई चप्पल वाले लोगों के लिए हवाई सफर का दावा कमजोर होगा।’