Patna: बिहार में जल्द ही पहला पारावेट (वेटनरी) स्कूल खुलेगा. बिहार पशु विज्ञान विवि ने पारावेट स्कूल की स्थापना के लिए ड्राफ्ट तैयार किया है. इस पर पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग से भी सैद्धांतिक सहमति मिल चुकी है.
लक्ष्य अलग-अलग 2 जिलों में 2 पारावेट स्कूल खाेलने की है. लेकिन, शुरू में एक स्कूल खाेला जाएगा. पारावेट स्कूल में 2 वर्षीय कोर्स में युवाओं को प्रशिक्षण मिलेगा. इसके साथ ही 3 वर्षीय कोर्स भी संचालित किए जा सकते हैं. इन कोर्स में प्रशिक्षित युवाओं को पशुधन सहायक व वेटनरी कंपाउंडर की नौकरी मिलेगी. एक्ट के अनुसार इस कोर्स के बाद निजी तौर पर भी युवा रोजगार कर सकते हैं. पशुओं के स्वास्थ्य से जुड़े कार्य कर सकेंगे.
अभी तय होना बाकी है कि पाराभेट स्कूल कहां खुलेगा. बक्सर के डुमरांव, पटना, गया के सिपाया में इसके लिए जमीन की उपलब्धता है. हालांकि, डुमरांव या पटना में खुलने की ज्यादा संभावना है. डुमरांव में पुराना भवन भी है, जहां तत्काल इसे संचालित किया जा सकता है.
पारावेट स्कूल के लिए टीचिंग स्टाफ सहित 2 दर्जन कर्मी होंगे. प्रशिक्षणार्थियों के लिए आवासीय छात्रावास भी होगा. 2 वर्षीय कोर्स में नामांकन के लिए न्यूनतम योग्यता मैट्रिक व तीन वर्षीय कोर्स के लिए न्यूनतम योग्यता इंटरमीडिएट होगी. नामांकन योग्यता पर अंतिम निर्णय बाद में होगा. एक बैच में 50 या 60 विद्यार्थी का नामांकन होगा.
पशुओं के टीकाकरण में हाेगी आसानी
विभिन्न कर्मियों के पद की स्वीकृति विकास आयुक्त की अध्यक्षता वाली पदवर्ग समिति से भी लेनी होगी. फिर वित्त विभाग की मंजूरी के बाद प्रस्ताव पर कैबिनेट से मंजूरी ली जाएगी. पिछले दिनों पशु एवं मत्स्य संसाधन मंत्री डॉ. प्रेम कुमार व सचिव डॉ. एन सरवण कुमार ने भी पारावेट स्कूल की स्थापना की आवश्यकता जतायी थी. अभी राज्य में पारावेट प्रशिक्षण की सुविधा नहीं है. इसके पहले वेटनरी कॉलेज में 3 माह का पशुओं को टीका आदि लगाने के लिए प्रशिक्षण दिया जाता है. राज्य के सालाना लगभग 1.5 करोड़ गाय व भैंस को टीका लगाने में ये सहयोग करते हैं.