प्रशांत किशोर की पार्टी जनसुराज ने सोमवार को बिहार विधानसभा चुनाव के लिए दूसरी लिस्ट जारी कर दी है। इस बार पार्टी ने 65 उम्मीदवारों के नामों का ऐलान किया है। इनमें 19 आरक्षित सीटें और 46 सामान्य सीटें शामिल हैं।
जातीय संतुलन पर ध्यान, मुस्लिम और पिछड़ों को तरजीह
जारी सूची में SC वर्ग से 18, ST से 1 और मुस्लिम समुदाय से 14 उम्मीदवार उतारे गए हैं। वहीं 46 सामान्य सीटों में से 36 सीटों पर EBC, OBC और मुस्लिम उम्मीदवार हैं। पार्टी ने केवल 10 सीटें सवर्ण वर्ग के प्रत्याशियों को दी हैं।
अभयकांत झा बने चर्चा का केंद्र
इस सूची में सबसे चर्चित नाम 74 वर्षीय अभयकांत झा का है, जिन्होंने भागलपुर दंगे में मुस्लिम पक्ष का केस लड़ा था। प्रेस कॉन्फ्रेंस में प्रशांत किशोर ने उनका परिचय कराते हुए कहा,
“जनसुराज समाज के हर वर्ग से ईमानदार और योग्य लोगों को मौका दे रहा है। हम बिहार में नई राजनीति की शुरुआत कर रहे हैं।”
116 सीटों पर उम्मीदवार तय
पहली और दूसरी लिस्ट को मिलाकर अब तक पार्टी ने 116 सीटों पर उम्मीदवार घोषित कर दिए हैं, जिनमें से 25 आरक्षित सीटें हैं। प्रशांत किशोर ने कहा कि जब 243 सीटों की पूरी सूची जारी होगी, तो “शायद ही कोई समाज ऐसा बचेगा, जिसका प्रतिनिधित्व जनसुराज में न हो।”
उन्होंने बताया कि पार्टी ने तय किया है कि 70 अति पिछड़ा समाज के लोगों को चुनाव लड़ाया जाएगा। जिन उम्मीदवारों के पास संसाधन नहीं होंगे, उन्हें पार्टी आर्थिक मदद और ट्रेनिंग दोनों देगी।
पहली लिस्ट में डॉक्टर से लेकर किन्नर तक
इससे पहले 9 अक्टूबर को जारी पहली लिस्ट में 51 उम्मीदवारों के नाम शामिल थे। इनमें कर्पूरी ठाकुर की पोती जागृति ठाकुर (मोरवा), RCP सिंह की बेटी लता सिंह (अस्थावां), गणितज्ञ केसी सिन्हा (कुम्हरार), वकील वाईवी गिरी (मांझी) और प्रीति किन्नर (गोपालगंज) जैसे नाम शामिल हैं।
हर दिन जारी होगी नई लिस्ट
जनसुराज के राष्ट्रीय अध्यक्ष उदय सिंह ने कहा कि पार्टी हर दिन नई सूची जारी करती रहेगी, ताकि हर वर्ग के लोगों को अवसर मिले। प्रशांत किशोर ने 11 अक्टूबर को राघोपुर से अपने चुनाव अभियान की शुरुआत की थी।
जनसुराज का जातीय समीकरण
पार्टी के अब तक घोषित 116 उम्मीदवारों में
- EBC वर्ग से 36,
- OBC से 20,
- SC/ST से 25,
- मुस्लिम समुदाय से 20,
- और सवर्ण वर्ग से 15 उम्मीदवार शामिल हैं।
जनसुराज की कोशिश है कि जातीय और सामाजिक समीकरण को ध्यान में रखते हुए हर तबके को राजनीति में बराबरी का मौका दिया जाए।