Patna: लोजपा में चल रही उठा पटक के बीच चिराग पासवान के बयान ने नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव के काबिलियत पर सवाल उठा दिया है। चिराग यह कहना चाहते हैं कि तेजस्वी की जीत उनकी काबिलियत के कारण नहीं, बल्कि लोजपा के रहमोकरम के कारण हुई थी।
दरअसल बिहार विधानसभा चुनाव में अगर लोजपा एनडीए के साथ रहकर लड़ी होती तो नतीजे बिल्कुल लोकसभा चुनाव की तरह होते। लेकिन लोजपा के अलग होने से जितना नुकसान जदयू को हुआ, वहीं उतना ही फायदा राजद को हुआ। ऐसे में कल चिराग पासवान ने पीसी कर कहा था कि उनके कारण ही राजद और महागठबंधन को चुनाव में सौ से ज्यादा सीटों पर जीत हासिल हुई। जाहिर है कि चिराग यह कहना चाहते हैं कि तेजस्वी की जीत उनकी काबिलियत के कारण नहीं, बल्कि लोजपा के रहमोकरम के कारण हुई थी।
चिराग के इस दावे का कारण विधानसभा चुनाव परिणाम में भी देखा जा सकता है। जहां ज्यादातर सीटों पर लोजपा के कारण जदयू को नुकसान उठाना पड़ा। एनडीए से अलग होने के बाद कई सीटों पर पिछड़ा वोट जदयू भाजपा की जगह लोजपा को मिला, वहीं राजद के परंपरागत वोट में कोई अंतर नहीं आया। जिसके कारण तेजस्वी की पार्टी ने सबसे ज्यादा सीटों पर जीत हासिल की। वहीं प्रदेश की सबसे बड़ी पार्टी रही नीतीश कुमार को सिर्फ 43 सीटों से संतुष्ट होना पड़ा। ऐसे में चिराग की बातों के अब कई मतलब निकाले जा रहे है।