Desk: कभी पीएम मोदी के हनुमान कहे जाने वाले चिराग पासवान से लगता है आज भी NDA सरकार खफ़ा हैं। यहीं वजह है कि केंद्रीय मंत्रिमंडल विस्तार में उनका नाम कोई नहीं ले रहा हैं।
दरअसल केंद्रीय मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर बिहार की राजनीति में हल-चल तेज हो गई है। ऐसे में जदयू और बीजेपी दोनों ही पार्टियां अपने-अपने तरफ से संभावित नाम सामने रख रही है। लेकिन इस पूरे प्रकिया में किसी का सबसे ज्यादा नुकसान हो रहा है तो वे हैं चिराग पासवान।
आपको बता दें कि 2020 के बिहार विधानसभा चुनाव में चिराग पासवान ने नीतीश से बगावत लेकर पीएम मोदी के आशिर्वाद के सहारे चुनाव लड़ना चाहा था। लेकिन उनका ये फॉर्मुला काम नहीं आया और विधानसभा चुनाव में उन्हें मुंह की खानी पड़ी। ऐसे में उन्होंने सोचा कि हार के बाद भी पीएम का साया उनके साथ रहेगा लेकिन अब यहां मामला बदला नज़र आ रहा है। दरअसल पीएम मोदी और बीजेपी दोनों ने ये सप्षट कर दिया है कि उनका कोई सगा है तो वह है सीएम नीतीश। इसके अलावा उन्हें किसी का साथ नहीं चाहिए।
तो वहीं दूसरी ओर जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष आरसीपी सिंह ने आज एक बार फिर से इस मामले पर बयान दिया है। आरसीपी सिंह ने कहा है कि उनकी पार्टी एनडीए का हिस्सा है और मंत्रिमंडल में अगर विस्तार किया फेरबदल होता है तो जेडीयू उसमें शामिल होगा। इस दौरान जब उनसे पुछा गया कि क्या चिराग पासवान की एंट्री मोदी कैबिनेट में हो पाएगी या नहीं तो उन्होंने इसपर चुप्पी साध ली।
आपको बता दें कि विधानसभा चुनाव नतीजे सामने आने के बाद जेडीयू के कई नेताओं ने कहा था कि अगर चिराग पासवान को केंद्रीय कैबिनेट में जगह दी जाती है। तो यह ठीक नहीं होगा। इसके बाद जनता आगे का फैसला लेने के लिए स्वतंत्र है। विधानसभा चुनाव के बाद पार्टी के तेवर चिराग को लेकर बेहद गर्म थे।
हालाकि उनका गर्म होना जायज भी था क्योंकि विधानसभा चुनाव में चिराग पासवान के कारण जदयू को काफी नुकसान झेलना पड़ गया था। ऐसे में जदयू अब चिराग पासवान से बदला लेने के मुड़ में है और किसी भी हालत में लोजपा को केंद्रीय मंत्रिमंडल विस्तार का हिस्सा नहीं बनाना चाहती है।