Desk:ऑनलाइन जन्म-मृत्यु प्रमाणपत्र बनाने की प्रक्रिया अब तक पटना नगर निगम (Patna Nagar Nigam) की ओर से नहीं शुरू हो पाई है। लोगों को प्रमाणपत्र बनवाने के लिए पटना नगर निगम (Patna Municipal Corporation) और प्रखंड कार्यालयों का चक्कर लगाना पड़ रहा है। सांख्यिकी विभाग जन्म-मृत्यु प्रमाणपत्र को आरटीपीएस काउंटर पर ऑनलाइन बनाने की प्रक्रिया में जुटा हुआ है। अब तक सफलता नहीं मिली है। बेंगलुरु नगर निगम ने पटना नगर निगम को ऑनलाइन प्रमाणपत्र जारी करने से जुड़ा सॉफ्टवेयर निश्शुल्क उपलब्ध करा दिया है। इसके बाद भी पटना नगर निगम आंकड़ों के दोहराव की आशंका के चलते ऑनलाइन जन्म-मृत्यु प्रमाणपत्र उपलब्ध नहीं करा पा रहा है।
पांचों अंचल कार्यालयों से जारी होने लगा जन्म-मृत्यु प्रमाणपत्र
सुविधा बढ़ाने के लिए पटना नगर निगम सभी पांच अंचल कार्यालयों से जन्म-मृत्यु प्रमाणपत्र का आवेदन लेने एवं जारी करने लगा है। यह व्यवस्था एक जून से लागू है। अंचल कार्यालय में आवेदन जमा करने पर वहीं से प्रमाणपत्र मिल जा रहा है। लेकिन लोगों को काउंटरों तक जाना पड़ रहा है। पहले यह व्यवस्था केंद्रीयकृत थी। अंचलों में आवेदन जमा करने के बाद यह निगम मुख्यालय जाता था। वहां से स्वीकृति मिलने के बाद बनाया जाता था। अब उप रजिस्ट्रार की शक्ति सभी अंचलों के कार्यपालक पदाधिकारियों को मिल गई है।
अधिकारी गिना रहे अपनी परेशानी
पटना नगर निगम के आयुक्त हिमांशु शर्मा ने बताया कि बेंगलुरू नगर निगम का साफ्टवेयर देश के कई नगर निगमों ने अपना लिया है। पटना में अपनाने में परेशानी हो रही है। सांख्यिकी विभाग से हमलोग संपर्क कर शीघ्र समाधान निकालेंगे। जिला सांख्यिकी पदाधिकारी ने बताया कि जन्म-मृत्यु प्रमाणपत्र ऑनलाइन बनाने की व्यवस्था शीघ्र हो जाएगी। इस दिशा में कार्य चल रहा है।
सरकारी अस्पताल में ही मिलता है जन्म-मृत्यु प्रमाणपत्र
पटना जिले के सभी सरकारी अस्पतालों में भी जन्म-मृत्यु प्रमाणपत्र बनाने की व्यवस्था है। जानकारी के अभाव में लोग पटना नगर निगम कार्यालय का चक्कर काटते हैं। एम्स, पीएमसीएच, एनएमसीएच, आइजीआइएमएस, गुरु गोविंद सिंह अस्पताल सहित सभी सरकारी अस्पतालों से प्रमाणपत्र मिल रहा है। अस्पताल से ही जन्म-मृत्यु का प्रमाण पत्र लेना है।
पटना के 50 निजी अस्पतालों भी जुड़े हैं योजना से
पटना जिले के 50 निबंधित निजी अस्पताल भी जिला सांख्यिकी कार्यालय से जुड़े हुए हैं। पटना नगर निगम क्षेत्र के अस्पतालों में मृत्यु होने या बच्चे के जन्म लेने की सूचना सीधे निगम को आती है। पटना नगर निगम के काउंटर पर आवेदन के साथ आधार कार्ड और जरूरी कागजात जमा करने के बाद प्रमाणपत्र जारी होता है। 30 दिन से अधिक होने के बाद भी प्रखंड कार्यालयों का चक्कर नहीं लगाना है। जिला सांख्यिकी पदाधिकारी ने बताया कि सरकारी अस्पतालों में सुविधा उपलब्ध करा दी गई है। 50 निजी अस्पताल भी नगर निकाय को सूचना भेज देते हैं।