Patna: बिहार में अस्पतालों की देयनीय स्थिती का अंदाजा आप इस बात से लगा सकते हैं कि यहां मरीजों को अपने इलाज के लि ए भी हड़ताल करना पड़ रह हैं. ऐसे में सरकार की बेशर्मी तो तब सामने दिखती है जब कोई तड़पते मरीजों अस्पताल अधीक्षक को फोन करता है और वहां से जवाब मिलाता है कि- “इतना मारेंगे कि तुम लोगों को इलाजे कराना भूतला देंगे”.
ये मामला है बिहार के मधेपुरा जिले के एक सरकारी अस्पताल का, जहां मधेपुरा के उदाकिशुनगंज अनुमंडल अस्पताल में सरकार ने कोविड वार्ड बनाया है. वहां कोरोना के 15 मरीज अपने इलाज के लिए अनशन पर बैठ थे. उन्होंने ये अनशन घटियां स्वास्थ व्यवस्था को लेकर किया था. उनका कहना था कि यहां नर्क से भी बदतर स्थिती है, ऐसे में जब मरना ही है तो अनशन करके ही मरा जाये. इसके साथ ही उन्होंने अपनी पिड़ा बताते हुए कहा कि यहां जब से कोविड अस्पताल बना तब से बेडशीट नहीं बदला गया है, उनके आने से पहले जो मरीज भर्ती थे उनके जाने के बाद भी बेडशीट नहीं बदला गया. अस्पताल के कर्मचारियों से गुहार लगायी गयी तो कहा कि घर से बेडशीट लेकर क्यों नहीं आये. सरकार ने बेडशीट बदलने या धुलने का पैसा नहीं दिया है.
साथ ही उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि यहां मरीजों की RT-PCR जांच तक नहीं हो रही है. जिन्हें भर्ती हुए कई दिन हो गये औऱ उनमें कोरोना का कोई लक्षण नहीं है उनकी भी जांच नहीं करायी जा रही है. हां, जिनका सेटिंग है उनकी जांच जरूर हो जा रही है. कई मरीजों की जांच रिपोर्ट 4 दिन में आ गयी.
तो वहीं सोमवार को अनशन पर बैठे मरीजों ने अपनी परेशानियों को लेकर बिहार सरकार द्वारा जारी किये गये टॉल फ्री नंबर पर बात की. जहां टॉल फ्री नंबर 1070 पर बात करने के बाद उन्हें अस्पताल के अधीक्षक का मोबाइल नंबर 9470003428 दिया गया. दो दिन पहले उस नंबर पर कॉल किया गया तो ये आश्वासन मिला की साफ सफाई की जायेगी, बेडशीट भी बदला जायेगा. लेकिन दो दिनों में कुछ नहीं हुआ. इसके बाद सोमवार को मरीजों ने फिर से अधीक्षक के मोबाइल पर कॉल किया. जवाब मिला- “तुम सब का मोबाइल छीन लेंगे औऱ जब्त कर लेंगे. फिर इतना मारेंगे कि तुम लोगों को इलाजे कराना भूतला देंगे.” अधीक्षक से गाली सुनने के बाद ही कोरोना पेशेंट आक्रोशित हुए औऱ अनशन पर बैठ गये.
आपको बता दें कि इस संबंध में जब अस्पताल प्रभारी डॉ आईबी कुमार से पुछा गया तो उन्होंने कहा कि कोरोना मरीजों की परेशानियों को दूर कर दिया गया है. स्वास्थ्य कर्मियों को फटकार भी लगायी गयी है. प्रभारी ने कहा कि एक व्यक्ति ने लैब टेक्नीशियन से मिलकर अपनी RT-PCR जांच करा ली थी. उस टेक्नीशियन से शो कॉज पूछा गया है.