Desk: आम बजट में पटना सहित बिहार के कई शहरों को निओ मेट्रो की सौगात मिल सकती है। वित्त मंत्री सीतारमण ने बताया कि टियर 2 शहरों में मेट्रो कनेक्टिविटी बढ़ाने की योजना है। इसमें मेट्रो निओ (MetroNeo) के लिए स्टैण्डर्ड स्पेसिफिकेशन को मंजूरी दी गई है। इसके तहत टियर 2 या टियर 3 शहरों के बाहरी हिस्सों में रैपिड ट्रांसपोर्ट सिस्टम के लिए मेट्रो निओ को चलाया जाएगा। योजना के मुताबिक ऐसे शहर, जिनकी आबादी 5 लाख है, वहां मेट्रो निओ को चलाया जाएगा।
मेट्रो निओ की सबसे बड़ी खासियत यह है कि इस सिस्टम को बनाने से लेकर इसके संचालन और मेंटेनेंस की लागत सामान्य मेट्रो से काफी कम है। असल में मेट्रो निओ को छोटे शहरों की मेट्रो सेवा कहा जा रहा है। पहले फेज में मेट्रो नियो पटना लाया जाएगा। इस सेवा के लिए एक डेडिकेटेड कॉरिडोर होगा। मेट्रो निओ को चलाने के लिए कॉरिडोर में अलग से स्लैब बना होगा। कई जगह यह एलिवेटेड भी होगी, लेकिन इस मेट्रो में साधारण मेट्रो ट्रेन की तरह लोहे के नहीं, बल्कि बसों की तरह रबड़ वाले पहिए होंगे। इसमें बिहार से एकमात्र शहर पटना है, जहां मेट्रो पर काम चल रहा है, लेकिन टियर 2 और टियर 3 में मुजफ्फरपुर, दरभंगा, गया और भागलपुर शामिल हो सकते हैं।
ब्रॉडगेज लाइन का इलेक्ट्रिफिकेशन
आम बजट में 2023 तक सभी ब्रॉडगेज लाइन का इलेक्ट्रिफिकेशन करने की बात कही गई है। इस साल के पहली अप्रैल तक 63 फीसदी ब्रॉडगेज लाइन का इलेक्ट्रिफिकेशन पूरा हो गया है, जिसकी कुल लंबाई 63631 रूट किलोमीटर है। वहीं अभी भी 23,765 रूट किलोमीटर का विद्युतीकरण होना बाकी है। भारतीय रेलवे की योजना के मुताबिक साल 2023 तक देश की सभी ब्रॉडगेज लाइन का विद्युतीकरण पूरा कर लिया जाएगा। वहीं, बिहार में 4220 किलोमीटर का ब्रॉडगेज लाइन इलेक्ट्रिफिकेशन करना है, जिसमें से 3142 किलोमीटर ब्रॉडगेज लाइन इलेक्ट्रिफिकेशन हो चुका है। अब मात्र 1078 किलोमीटर ही ब्रॉडगेज लाइन का इलेक्ट्रिफिकेशन करना है। पूर्व मध्य रेलवे के पांच मंडलों में से चार का इलेक्ट्रिफिकेशन हो चुका है। वहीं, इस वर्ष तक बाकी बचे काम को पूरा कर लिया जाएगा।
ईस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडर 2022 तक होगा पूरा
बजट में आज सीतारमण ने बताया कि रेलवे के ईस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडर को 2022 तक पूरा होना है। ईस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर पंजाब के लुधियाना के नजदीक साहनेवाल से पश्चिम बंगाल के दानकुनी तक होगा। यह कॉरिडोर हरियाणा, उत्तर प्रदेश, बिहार और झारखंड से होकर गुजरेगा। वहीं, वेस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर उत्तर प्रदेश के दादरी से मुंबई में जवाहरलाल नेहरू पोर्ट तक होगा। बिहार में करीब 239 किमी इसका हिस्सा है, जो पं दीनदयाल उपाध्याय स्टेशन से सासाराम , डेहरी ऑन सोन, सोन नगर होते हुए वर्धमान से दानकुनी तक जाएगी, जबकि पहले से बिहार में मात्र 98 किलोमीटर तक ही ईस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडर था।