Desk: राष्ट्रीय जनता दल (RJD) प्रमुख लालू प्रसाद यादव (Lalu Prasad Yadav) के कभी बेहद करीबी रह चुके पूर्व सांसद सीताराम यादव (Sitaram Yadav) ने भारतीय जनता पार्टी (BJP) में जाने का संकेत दिया है। वे बुधवार को बीजेपी की सदस्यता ग्रहण कर सकते हैं। बिहार की राजनीति में इसे लालू प्रसाद यादव को एक और बड़ा झटका माना जा रहा है।
लालू के करीबी नेताओं में रहे शामिल
सीताराम यादव की गिनती लालू प्रसाद यादव के करीबी नेताओं में होती रही है। वे आरजेडी के टिकट पर सीतामढ़ी से दो बार लोकसभा चुनाव जीत चुके हैं। इसके पहले पुपरी से तीन बार विधायक भी रह चुके हैं। लालू-राबड़ी सरकार में उनकी खूब चलती थी। लालू ने उन्हें कैबिनेट मंत्री भी बनाया था। आरजेडी में भी उनकी गहरी दखल थी।
टिकट नहीं मिलने से हो गए नाराज
पिछले लोकसभा चुनाव में लालू प्रसाद यादव ने उन्हें टिकट नहीं दिया। उनके बदले अर्जुन राय को प्रत्याशी बना दिया गया। इससे सीताराम की भावना आहत हो गई। तत्काल तो उन्होंने बगावत नहीं किया, लेकिन चुनाव के दौरान पूरी तरह निष्क्रिय हो गए। सीताराम का असर सीतामढ़ी के आसपास के कई क्षेत्रों में व्यापक माना जाता है। उनके निष्क्रिय हो जाने का आरजेडी प्रत्याशी के प्रदर्शन पर असर पड़ा और पार्टी की हार हो गई।
आरजेडी ने अंतत: की कार्रवाई
लोकसभा चुनाव में आरजेडी के हारने की शिकायत आलाकमान से की गई, लेकिन लालू प्रसाद यादव से बेहतर संबंधों के कारण सीताराम पार्टी में बने रहे। हालांकि, उनकी नाराजगी दूर नहीं हुई। गत विधानसभा चुनाव में उन्होंने आरजेडी प्रत्याशी के खिलाफ खुलेआम प्रचार किया। तब जेडीयू के टिकट पर सुरसंड विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ रहे दिलीप राय के पक्ष में प्रचार भी किया। आरजेडी प्रत्याशी अबु दोजाना का विरोध किया। शिकायत फिर आलाकमान तक पहुंची। अबकी पानी सिर से गुजर चुका था। लिहाजा ने आरजेडी ने कार्रवाई करते हुए सीताराम को बाहर का रास्ता दिखा दिया। हालांकि, माना जा रहा था कि पार्टी उन्हें फिर अपने पाले में कर लेगी।