Desk: मंत्रिमंडल विस्तार के लिए मुख्यमंत्री की हामी के बावजूद भारतीय जनता पार्टी क्यों तारीख-दर-तारीख दे रही थी, बहुत जल्द सब साफ हो जाएगा। मौसम से जैसे-जैसे कुहासा हटेगा, विजिबिलिटी साफ होती जाएगी। वैसे, नीतीश कुमार से BJP के राष्ट्रीय प्रवक्ता और पूर्व केंद्रीय मंत्री शाहनवाज हुसैन की मुलाकात और फिर विधान परिषद् के लिए उनका टिकट धुंध हटाने की शुरुआत तो है ही। इसके साथ ही बिहार में अचानक केंद्रीय गृह मंत्री और BJP के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह की एंट्री का असर देखने को तैयार रहना चाहिए। शाहनवाज की एंट्री के तत्काल बाद मुकेश सहनी को 18 महीने कार्यकाल के चुनाव के लिए राजी करा शाह ने बिहार की राजनीति पर अपनी जोरदार मुहर लगा दी है।
मोदी का कार्यकाल लिया, जल्द ही बड़ी जिम्मेदारी
बिहार के उप मुख्यमंत्री की कुर्सी छोड़ राज्यसभा गए सुशील कुमार मोदी की विधान परिषद् वाली सीट भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता शाहनवाज हुसैन को दी गई, इसका मतलब भाजपा के पुराने दिग्गज समझ रहे हैं। लोकसभा और विधानसभा चुनावों में भाजपा मुख्यालय के निर्देश पर महत्वपूर्ण जिम्मेदारी निभाने वाले RSS बैकग्राउंड के एक बुजुर्ग कार्यकर्ता बताते हैं- “देखिए, अचानक शाहनवाज जी का नाम आया है तो सीमांचल, पश्चिम बंगाल के साथ बिहार में अल्पसंख्यक चेहरे की राजनीति तो समझ में आ ही रही है। एक बड़ी बात यह है कि सुशील मोदी भी पहले MP रहे और वहीं से शाहनवाज जी भी। मुख्यालय किसी पुराने MP, राष्ट्रीय प्रवक्ता और अल्पसंख्यक चेहरे को लेकर सामने कर रहा है तो चौंकाने वाली कई चीजें निकट भविष्य में सामने आएंगी।” भाजपा के दो सांसदों ने भास्कर से बातचीत में कहा कि चुनाव परिणाम और बेहतर आ सकते थे, लेकिन नहीं आने के पीछे विपक्ष कहीं कारण नहीं है। उम्मीद के अनुसार परिणाम नहीं आने के बावजूद सरकार स्थिर है और स्थिरता कायम रखने के लिए बैलेंस बनाना है और राष्ट्रीय प्रवक्ता को बिहार में लाने के पीछे यही ‘बैलेंस’ शब्द है।
डिप्टी CM दो ही रहेंगे, लेकिन शाहनवाज को पावर
नीतीश कुमार और शाहनवाज हुसैन की मुलाकात पर भास्कर ने एक्सक्लुसिव रिपोर्ट में यह सामने लाया था कि अरसे बाद इसके मायने निकलेंगे। यह हुआ। अब नीतीश सरकार मंत्रिमंडल विस्तार के लिए एक कदम आगे बढ़ चुकी है। इसमें कोई हिचक नहीं है कि शाहनवाज हुसैन मंत्री बनने जा रहे हैं। NDA में चल रही बेहद गंभीर चर्चा यह भी बता रही है कि मंत्रिमंडल विस्तार के बावजूद बिहार में डिप्टी CM दो रहेंगे, लेकिन शाहनवाज हुसैन को ‘पावर’ मिलेगा। इस पावर पर शाहनवाज से भास्कर भागलपुर से पटना तक सवाल कर चुका है, लेकिन वह ऐसी किसी बात पर जवाब देने को तैयार नहीं हैं। दूसरी तरफ इसकी अंदर ही अंदर तैयारी भी चल रही है।
नए बने सभी मंत्रियों की समझ-बूझ की समीक्षा
नए मंत्री कौन होंगे, भाजपा में इसपर विमर्श के साथ नई सरकार में शामिल वर्तमान मंत्रियों के कामकाज की भी समीक्षा की जा रही है। इस सूची में उन सभी मंत्रियों का नाम है, जो पहली बार मंत्री बने हैं। यह समीक्षा मुख्यालय स्तर पर चल रही है और इसमें भाजपा अपना भविष्य भी देख रही है। बताया जा रहा है कि जो मंत्री अब तक अपने विभाग का हिसाब-किताब ठीक से नहीं समझ सके हैं, उन पर भाजपा मुख्यालय की सीधी नजर है। भाजपा मुख्यालय नीतीश की तरह सोशल इंजीनियरिंग के नजरिए से भी इन चेहरों की समीक्षा कर रहा है, ताकि अहम जिम्मेदारी में भागीदारी सुनिश्चित की जा सके। वर्तमान सरकार का दूसरा मंत्रिमंडल विस्तार फाइनल हो और उसमें जल्द किसी बदलाव की जरूरत नहीं पड़े- इस लक्ष्य को भी ध्यान में रखा जा रहा है।