Patna: राज्य सरकार ने पटना सहित राज्य के चार शहरों को स्मार्ट सिटी के रूप में विकसित करने का काम अपने हाथ में ले लिया है। चारों स्मार्ट सिटी के लिए गठित कंपनी के बोर्ड में अध्यक्ष पद से प्रमंडलीय आयुक्तों की छुट्टी कर दी गई है। अब नगर विकास एवं आवास विभाग के प्रधान सचिव चारों कंपनी के बोर्ड के अध्यक्ष होंगे। चारों शहरों को स्मार्ट सिटी के रूप में विकसित करने के लिए पांच साल की समयसीमा तय है, लेकिन अवधि खत्म होने की ओर है और चयनित योजनाएं जमीन पर नहीं उतरी हैं। इसी के मद्देनजर व्यवस्था में बदलाव किया गया है।
केंद्र की स्मार्ट सिटी योजना में बिहार के चार शहर पटना, भागलपुर, मुजफ्फरपुर और बिहारशरीफ चयनित हैं। भागलपुर वर्ष 2016 में स्मार्ट सिटी के रूप में चिन्हित हुआ था, जबकि पटना और मुजफ्फरपुर 2017 और बिहारशरीफ 2018 में चयनित हुआ। इसके बाद चारों कंपनियों के कार्यों के संचालन के लिए एसपीवी (स्पेशल परपज व्हिकल) गठित हुई थी। अभी तक एसपीवी के पदाधिकारियों के सारे पद भी नहीं भरे जा सके हैं।
खुद नगर विकास एवं आवास विभाग ने माना है कि चारों स्मार्ट सिटी योजनाओं को अमलीजामा पहनाने में बहुत पिछड़े हुए हैं। राज्य कैबिनेट द्वारा विभाग के प्रधान सचिव को चारों स्मार्ट सिटी के बोर्ड का अध्यक्ष बनाए जाने के फैसले के बाद विभाग ने इसकी अधिसूचना जारी कर दी है। संयुक्त सचिव आनंद शर्मा द्वारा जारी इस अधिसूचना में स्पष्ट है कि भागलपुर का चयन हुए चार साल से अधिक हो चुके हैं। मगर दो माह पूर्व तक केवल दो योजनाओं पर काम शुरू हो पाया था।
मुजफ्फरपुर में नहीं शुरू हुआ एक भी काम
मुजफ्फरपुर का चयन हुए भी साढ़े तीन साल से ज्यादा बीत चुके हैं। विभाग की मानें तो एक माह पहले तक वहां स्मार्ट सिटी की एक भी योजना पूरी नहीं हो पाई थी। पटना और बिहारशरीफ की हालत भी खस्ता है। खास बात यह है कि इंटीग्रेटेड कंट्रोल कमांड सेंटर स्मार्ट सिटी का सबसे प्रमुख घटक है। मगर अब तक चारों में से एक भी स्मार्ट सिटी में इसका निर्माण शुरू नहीं हो पाया है।
केंद्र से मिलने वाली राशि से हो सकते हैं वंचित
स्मार्ट सिटी का मिशन पीरियड पांच साल है। यानी पांच साल में सारी योजनाएं पूरी करनी होंगी। भागलपुर, मुजफ्फरपुर और पटना में तो अब केवल एक-डेढ़ साल का ही समय बचा है। यदि योजनाएं पांच साल की अवधि में पूरी नहीं हुईं तो स्मार्ट सिटी के विकास के लिए केंद्र से मिलने वाली राशि से वंचित होना पड़ सकता है।
शुरू हुआ समीक्षा का सिलसिला
चारों स्मार्ट सिटी के बोर्ड के अध्यक्ष अब नगर विकास एवं आवास विभाग के प्रधान सचिव आनंद किशोर हो गए हैं। उपमुख्यमंत्री सह नगर विकास मंत्री तार किशोर प्रसाद ने गत दिवस उन्हें चारों स्मार्ट सिटी के बोर्ड की जल्द बैठक बुलाने के निर्देश दिए थे। सूत्रों की मानें तो बोर्ड अध्यक्ष बनने के साथ ही प्रधान सचिव ने चारों स्मार्ट सिटी की योजनाओं की समीक्षा शुरू कर दी है। ऐसे में अब रुकी हुई योजनाओं के काम में तेजी आने की उम्मीद है।