CM नीतीश ने ममता को हराने के लिए बनाया ये मास्टर प्लान

CM नीतीश ने ममता को हराने के लिए बनाया ये मास्टर प्लान

Patna: पश्चिम बंगाल के विधानसभा चुनाव (West Bengal Assembly polls) में जदयू (JDU) लगभग पचास सीटों पर अपनी ताकत आजमाएगा। पार्टी ने सीटों की संख्या को लेकर मोटे तौर पर यह मन बनाया है। आखिरी तौर पर जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष आरसीपी सिंह (National President of JDU RCP Singh) को यह फैसला लेना है कि पश्चिम बंगाल में कितनी सीटों पर पार्टी अपनी ताकत आजमाएगी।

बिहारी वोटरों वाले क्षेत्र में जदयू उतारेगा प्रत्‍याशी

जदयू के राष्ट्रीय महासचिव केसी त्यागी (National General Secretary KC Tyagi) का कहना है कि वह कोई बदले की भावना के साथ पश्चिम बंगाल के चुनाव मैदान में नहीं जा रही। पार्टी अपने विस्तार की योजना के तहत पश्चिम बंगाल में चुनाव लड़ेगी।

जदयू सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार पश्चिम बंगाल जदयू की प्रदेश इकाई से यह रिपोर्ट मंगायी गयी है कि वहां किन-किन क्षेत्रों में पार्टी को अपना प्रत्याशी देना चाहिए। विशेष रूप से उन क्षेत्रों पर पार्टी अपने को केंद्रित करेगी जहां बिहारी वोटर और खासकर पूर्वांचल के वोटरों की संख्या अधिक है। इस क्रम में हावड़ा,वर्दमान और पश्चिम बंगाल के औद्योगिक शहरों को केंद्रित किया जा रहा है। यहां बिहार के श्रमिकों की संख्या काफी अधिक है जो अब वहां के वोटर बन गए हैं।

2011 में जदयू ने पश्चिम बंगाल में पहली बार किस्‍मत आजमाई

पश्चिम बंगाल से प्रदेश जदयू से रिपोर्ट आने के बाद जदयू की कोर कमेटी इस बाबत पटना में मंथन करेगी। स्वतंत्र तरीके से आकलन करा कर सीटों पर आखिरी फैसला कर लिया जाएगा।

जदयू प्रदेश अध्यक्ष बशिष्ठ नारायण सिंह (JDU State President Vashishth Narayan Singh) ने बताया कि 2011 में जदयू ने पश्चिम बंगाल में पहली बार विधानसभा चुनाव लड़ा था। ममता बनर्जी के सत्ता में आने के बाद जदयू ने पश्चिम बंगाल में चुनाव नहीं लड़ा पर पार्टी की इकाई वहां सक्रिय रही है। हाल ही में वे लोग पटना भी आए थे। पार्टी अपने संगठन विस्तार कार्यक्रम के तहत पश्चिम बंगाल में अपनी किस्मत आजमायेगी।

बिहार मॉडल और पर्यावरण संरक्षण होगा मुद्दा

जदयू ने यह पहले से तय किया हुआ है कि पश्चिम बंगाल में किन मुद्दों पर उसे वोटरों के बीच जाना है। वहां भी बिहार के न्याय के साथ विकास के बिहार मॉडल पर जदयू लोगों से बात करेगा। इसके अतिरिक्त पर्यावरण संरक्षण का मुद्दा भी पश्चिम बंगाल चुनाव के लिए अहम होगा।

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