पटना में मरीन ड्राइव देखने के लिए 7 महीने का और करना होगा इंतजार

पटना में मरीन ड्राइव देखने के लिए 7 महीने का और करना होगा इंतजार

Patna: राजधानी पटना का मरीन ड्राइव यानी गंगा नदी के किनारे दीघा से दीदारगंज तक गंगा पथ परियोजना का काम दिसंबर, 2022 तक पूरा कर लिया जाएगा। दीघा से गांधी घाट तक निर्माण कार्य तेजी से चल रहा है और अगले 8 महीने में यानी अगस्त, 2021 तक दीघा से एएन सिन्हा इंस्टीट्यूट के बीच वाहनों का आवागमन शुरू कर दिया जाएगा।

पथ निर्माण मंत्री मंगल पाण्डेय ने बुधवार को गंगा पथ परियोजना के निर्माण कार्यों का निरीक्षण करने के बाद कहा कि दीघा से दीदारगंज तक 20.50 किमी लम्बी इस परियोजना की एस्टिमेटेड राशि 3390 करोड़ की है। इसमें एएन सिन्हा इंस्टीट्यूट के पास से गायघाट, कंगनघाट होते हुए पटना घाट और धर्मशाला घाट से पुराने नेशनल हाईवे दीदारगंज तक कुल 11.70 किमी एलिवेटेड रोड है। 8.80 किमी पथ बांध पर है। गंगा पथ के बन जाने से राजधानी में एक छोर से दूसरे यानी पूरब से पश्चिम के बीच अशोक राजपथ पर वाहनों के बढ़ते दबाव को कम किया जा सकेगा।

मैरिन ड्राइव से आठ जगहों पर संपर्क पथों की व्यवस्था की गई है। अशोक राजपथ से संपर्कता के लिए LCT घाट, एएन सिन्हा इंस्टीट्यूट, पटना मेडिकल कॉलेज अस्पताल, कृष्णा घाट, गायघाट, कंगन घाट, पटना घाट और दीदारगंज में पुराने राष्ट्रीय उच्च पथ संख्या 30 से संपर्कता दी गई है।

पथ निर्माण मंत्री ने बताया कि एक वर्ष से योजना के कार्य की प्रगति धीमी हो गई थी, लेकिन अब निर्माण से जुड़े सभी गतिरोध को दूर कर लिया गया है। गंगा पथ के निर्माण की रफ्तार तेज हो गई है। पथ के प्रारम्भ में 5.90 किमी में पथ पटरी के अलावा दोनों छोर पर 5 मीटर की हरित पट्टी और गंगा नदी की ओर तट पर 5 मीटर के वॉकिंग ट्रैक का प्रावधान किया गया है। PMCH में मरीजों के आने-जाने के लिए विशेष रूप से 4 लेन की सड़क से कनेक्टिविटी दी जा रही है। एम्स-दीघा पथ, जेपी सेतु और आर ब्लॉक-दीघा पथ से संपर्कता के लिए दीघा छोर पर विश्व स्तरीय रोटरी का निर्माण किया जा रहा है जिससे इन तीनों मार्गों से आने वाले वाहन आसानी से गंगा पथ पर जा सकेंगे।

आम नागरिकों के धार्मिक और सामाजिक काम के लिए गंगा नदी के तट पर पहुंचने के कुल 13 जगहों पर अंडरपास का निर्माण किया गया है जिससे लोग आसानी से अपने धार्मिक और सामाजिक काम गंगा तट पर कर सकेंगे। गंगा पथ परियोजना का शिलान्यास मुख्यमंत्री नीतीश कुमार 2013 में किया था।

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