Patna: कोरोना वैक्सीन के लिए आम आदमी को अभी लंबा इंतजार करना पड़ेगा। बिहार के 5 लाख हेल्थ वर्करों को वैक्सीन की डोज देने के बाद ही आम आदमी का नंबर आएगा। सरकार पहले चरण में हेल्थ वर्करों को वैक्सीन की डोज देने की तैयारी कर रही है। भारत सरकार ने बिहार में हेल्थ सेक्टर में काम करने वालों का पूरा लेखा-जोखा मांगा है। इसमें सरकारी और निजी डॉक्टरों के साथ मेडिकल क्षेत्र से जुड़े हर एक व्यक्ति की जानकारी शामिल है। सरकार के आदेश के बाद बिहार में मेडिकल कॉलेजों से लेकर सभी सरकारी और निजी अस्पतालों का पूरा ब्योरा तैयार किया जा रहा है। राज्य स्वास्थ्य समिति ने प्रदेश के सभी जिलों से सूचना मांगी है।
40 हजार डॉक्टरों के साथ कुल 5 लाख हेल्थ वर्कर
बिहार में 40 हजार से अधिक डॉक्टर रजिस्टर्ड हैं। मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया के मुताबिक 8 स्वास्थ्य कर्मियों पर एक डॉक्टर की तैनाती का मानक है। पारा मेडिकल स्टाफ के साथ स्वास्थ्य विभाग में अन्य तकनीकी क्षेत्रों में लोग काम कर रहे हैं। आशा की संख्या भी लगभग 90 हजार से अधिक है। आईएमए और पारा मेडिकल के साथ अन्य स्वास्थ्य सेवाओं से जुड़े अन्य कर्मियों के यूनियन से मिली जानकारी के मुताबिक प्रदेश में हेल्थ वर्करों की संख्या लगभग 5 लाख है, जो सरकारी व प्राइवेट हेल्थ सेक्टर में काम कर रहे हैं।
स्वास्थ्य कर्मियों को अब खतरा कम
राज्य स्वास्थ्य समिति के आंकड़ों के मुताबिक प्रदेश में हेल्थ सब सेंटर की संख्या 19992 है। एडिशनल प्राइमरी हेल्थ सेंटर भी 100 से अधिक हैं। रेफरल हॉस्पिटल और कम्युनिटी हेल्थ सेंटर की संख्या भी लगभग 900 है। सब डिवीज़नल हॉस्पिटल लगभग 63 हैं। 38 की संख्या में डिस्ट्रिक्ट सदर हॉस्पिटल और 10 मेडिकल कॉलेज हैं। यहां तैनात डॉक्टर और अन्य स्वास्थ्य कर्मियों को वैक्सीन से बड़ी राहत मिलेगी। बिहार में डॉक्टरों के साथ स्वास्थ्य कर्मियों की मौत के मामले सामने आए हैं। सीवान में एक बड़े डॉक्टर की हाल ही में कोरोना से संक्रमित होने के बाद मौत हुई है। इंदिरा गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान में एक साथ कई स्वास्थ्य कर्मियों में संक्रमण की पुष्टि हुई। लंबे समय तक अस्पताल के रेडियोलॉजी विभाग को बंद करना पड़ा था। पटना मेडिकल कॉलेज के अधीक्षक डॉक्टर बिमल कारक भी कोरोना पॉजिटिव हुए। पीएमसीएच में अब तक लगभग एक दर्जन डॉक्टरों में संक्रमण की पुष्टि हो चुकी है।
राज्य स्वास्थ्य समिति कर रही है मॉनिटरिंग
राज्य स्वास्थ्य समिति में बिहार के स्वास्थ्य कर्मियों की सूची की मॉनिटरिंग की जा रही है। नालंदा मेडिकल कॉलेज के माइक्रो वायरोलॉजी विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ संजय कुमार ने बताया कि कॉलेज में डॉक्टरों के साथ अन्य मेडिकल वर्करों की सूची तैयार की जा रही है। पटना में टीकाकरण का काम देख रहे डॉ एसपी विनायक का कहना है कि भारत सरकार की ओर से सूचना मांगी गई है, जिसके संदर्भ में हेल्थ वर्करों की लाइन लिस्टिंग का काम कराया जा रहा है। कोविड की वैक्सीन आती है तो इसे पहले हेल्थ वर्करों को देने की तैयारी है। इसमें सरकारी और निजी क्षेत्र में काम करने वाले सभी हेल्थ वर्करों को शामिल किया जाएगा।