Patna: बिहार में बीजेपी की ज्यादा सीटें आने के बाद भी तीसरे नंबर पर रही जेडीयू के नीतीश कुमार को सीएम बनाने पर शिवसेना ने तंज कसा है। अपने मुखपत्र सामना में शिवसेना ने कहा, ‘बीजेपी को बिहार में बलिदान करना पड़ा। तीसरे नंबर पर रही जेडीयू को सीएम का पद देना पड़ा जबकि महाराष्ट्र चुनाव के बाद शिव सेना के साथ ऐसा करने से इनकार कर दिया था।’ शिवसेना ने कहा कि बीजेपी के इस बलिदान को लिखने के लिए स्याही कम पड़ जाएगी।
बिहार चुनाव में इस बार आरजेडी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी लेकिन एनडीए गठबंधन को बहुमत हासिल हुआ। बीजेपी ने 74 और जेडीयू ने 43 सीटों पर जीत दर्ज की। आरजेडी को 75 सीटें मिली थीं। पिछले साल हुए महाराष्ट्र चुनाव में बीजेपी ने 105 सीटें जीती थीं और सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरी थी। शिवसेना ने बीजेपी के साथ चुनाव लड़ा था लेकिन उसके खाते में 56 सीटें ही गई थीं।
चुनाव के बाद शिवसेना ने बीजेपी के सामने मुख्यमंत्री पद की मांग की थी। बीजेपी के न मानने पर सेना ने कांग्रेस और एनसीपी के साथ मिलकर सरकार बना ली और उद्धव ठाकरे सीएम बन गए। इसी के साथ बीजेपी और शिवसेना का पुराना गठबंधन भी टूट गया।
शिवसेना ने सामना के संपादकीय में तंज कसा, ‘बीजेपी के इस बलिदान को लिखने के लिए स्याही कम हो जाएगी।’ इसमें कहा गया है कि बीजेपी नेता चंद्रकांत पाटिल और गवर्नर भगत सिंह कोश्यारी को लगता है कि राज्य का शासतन एनसीपी नेता शरद पवार के हाथों में है। शिवसेना ने कहा, इन लोगों को नजर रखनी चाहिए कि बिहार में सरकार कौन चलाएगा। महाराष्ट्र चुनाव के बाद सरकार बनाने के लिए कई दिनों तक ड्रामा चलता रहा था। बीजेपी ने एक बार सरकार बनाने के प्रस्ताव पेश कर दिया था लेकिन अंततः उसे पर्याप्त नंबर नहीं मिल पाए।