Patna:राजधानी की कुम्हरार सीट से भारतीय जनता पार्टी के विधायक और प्रत्याशी अरुण कुमार सिन्हा कोरोना निगेटिव हुए बिना ही प्रचार में लगे हैं। प्रधानमंत्री की रैली के एक दिन सैंपल लेने पर उनकी रिपोर्ट 28 अक्टूबर को पॉजिटिव आई थी। 30 अक्टूबर को खुद को निगेटिव घोषित करते हुए प्रचार के अंतिम समय का उपयोग करने के लिए वह निकल गए। अंतिम दिन भी घूमते रहे। जबकि, मीडिया की खबर पर सक्रिए हुए स्वास्थ्य विभाग ने 31 अक्टूबर को उनका रैपिड एंटीजन टेस्ट किया तो कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आई। इस रिपोर्ट पर शक जाहिर करते हुए उन्होंने RTPCR जांच करवा लिया और रिपोर्ट तक प्रचार में व्यवधान नहीं खड़ी करने की अपील की। रिपोर्ट 1 नवंबर की शाम में जबतक आएगी, तबतक कुम्हरार समेत दूसरे दौर की 94 सीटों पर प्रचार का समय खत्म हो जाएगा।
कोरोना को लेकर नेताओं की लापरवाही पर मीडिया की खबर पर स्वास्थ्य विभाग जागा तो, मगर आधा। अरूण कुमार सिन्हा के महज दो दिन में कोरोना पॉजिटिव से निगेटिव होने की खबर के बाद हरकत में आई सिविल सर्जन की टीम ने 31 अक्टूबर को विधायक जी के आवास पर जाकर उनका रैपिड एंटीजेन टेस्ट किया। इसकी रिपोर्ट तत्काल मिलती है। रिपोर्ट में वह पॉजिविट मिले हैं। बाबजूद इसके अरुण कुमार सिन्हा अब भी प्रचार कर रहे है। एंटीजन टेस्ट में पॉजिटिव होने के बाबजूद सिन्हा प्रचार कर रहे हैं और सिविल सर्जन की टीम ने उनके इस दावे पर उन्हें प्रचार करने की छूट दे दी कि एंटीजन टेस्ट गलत हो सकता है, इसलिए RT-PCR टेस्ट की रिपोर्ट आने तक उन्हें प्रचार करने दिया जाए। RTPCR की रिपोर्ट आने में 24 से 48 घंटे का वक्त लगता है, तबतक वह प्रचार कर सकते हैं। सिन्हा के एंटीजन रिपोर्ट को अबतक सार्वजनिक नहीं किया गया है और न ही उन्हें प्रचार से रोका गया है।
भाजपा की एक महिला नेत्री कोरोना पॉजिटिव होने के बावजूद 31 अक्टूबर को भाजपा कार्यालय पहुंच गईं। पहले से कोरोना से बेहाल कार्यालय में उनकी इंट्री के साथ ही हड़कंप मच गया। कार्यालय के वार रूम में मौजूद कुछ नेताओं ने इसपर सीधी आपत्ति कर दी, जिसपर महिला नेत्री को संगठनमंत्री नागेन्द्र नाथ ने फटकार लगाई। महिला नेत्री पहले तो अपने पॉजिटिव होने की खबर को ही झुठलाती रहीं, लेकिन जब बाकी नेताओं ने उनकी रिपोर्ट दिखाना शुरू किया तो वो कार्यालय से बाहर निकलीं।