Patna:बड़ी-बड़ी कुर्सियों की शोभा बढ़ा चुके पुलिस अफसरों (Police officers) के चुनावी मैदान में उतरने से इस बार के विधानसभा चुनाव (Assembly) के और रोचक होने की उम्मीद बढ़ गई है। पुलिस महानिदेशक (DGP) के पद से वीआरएस (voluntary retirement) लेने वाले गुप्तेश्वर पांडेय (Gupteshwar Pandey) संभवत: जदयू (JDU) से उम्मीदवार होंगे। इसके साथ ही बिहार के एक और पूर्व डीजीपी के सियासी दल का झंडा थामने की चर्चा है। हालांकि अभी तक यह तय नहीं है कि वह किस दल से जुडेंग़े, लेकिन इतना तय है कि वह सत्तारूढ़ गठबंधन की ओर से लड़ेंगे।
एक महीने के अंदर दो वरिष्ठ आइपीएस (IPS) अधिकारी सत्तारूढ़ दल जदयू का दामन थामकर चुनावी अखाड़े में उतरने के संकेत दे चुके हैं।रिटायर होने से पांच महीने पहले डीजीपी पद से स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति (वीआरएस) लेने वाले गुप्तेश्वर पांडेय अभी औपचारिक से रूप से जदयू में शामिल नहीं हुए हैं। जानकारों का दावा है कि शीघ्र ही वह विधिवत जदयू की सदस्यता ग्रहण करेंगे।
आइपीएस सुनील कुमार ने थामा जदयू का झंडा
इससे पहले पूर्व आइपीएस सुनील कुमार पुलिस भवन निर्माण निगम के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक (सीएमडी) पद से सेवानिवृत्त होने के बाद 29 अगस्त को जदयू की सदस्यता ग्रहण कर चुके हैं। 31 जुलाई को सेवानिवृत्त हुए सुनील कुमार पटना एसएसपी के अलावा कई जिलों के एसपी, जोन व रेंज में डीआइजी, आइजी से लेकर एडीजी पुलिस मुख्यालय और डीजी होमगार्ड, डीजी अग्निशमन सह महादेष्टा समेत कई महत्वपूर्ण पदों पर रह चुके हैं। गोपालगंज से ताल्लुक रखने वाले सुनील कुमार के भाई अनिल कुमार भी इसी जिले से कांग्रेस के विधायक हैं।
राजद का दामन थामा अशोक कुमार ने
उधर, पूर्व डीजी अशोक कुमार गुप्ता राजद का दामन थामकर विधानसभा पहुंचने जुगत में जुटे हैं। अशोक इससे पहले 2019 के लोकसभा चुनाव में पटना साहिब सीट से निर्दलीय किस्मत आजमा चुके हैं।
दारोगाजी भी बन चुके हैं एमएलए साहब
2010 के चुनाव में बिहार पुलिस सेवा के अधिकारी सोम प्रकाश औरंगाबाद जिले के ओबरा से निर्दलीय विधायक चुने गए थे। 2015 के चुनाव में हार गए। इस बार मैदान में उतरने की तैयारी है। दारोगा की नौकरी से वीआरएस लेने वाले रवि ज्योति राजगीर से जदयू के विधायक हैं। इसी तरह मनोहर प्रसाद सिंह भी 15वीं और 16वीं विधानसभा में लगातार मनिहारी विधानसभा सीट का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं।