Patna:नियमों को ताक पर रखकर तेज रफ्तार गाड़ी चलाने वालों की मुश्किलें बढ़ेंगी। बिहार पुलिस को ओवर स्पीड गाड़ियों को पकड़ने के लिए इंटरसेप्टर व्हीकल (वाहन) मिलने वाले हैं। यह गाड़ी करीब एक किलोमीटर दूर से तेज रफ्तार वाहन को ट्रैक कर सकती है। दिल्ली, महाराष्ट्र और तेलंगाना समेत कुछ राज्यों में पुलिस द्वारा इस गाड़ी का इस्तेमाल तेज गति पर रोक लगाने के लिए किया जा रहा है। बिहार पुलिस के बेड़े में भी अब ऐसी गाड़ियां शामिल होने जा रही हैं।
खरीद करने की योजना
बिहार पुलिस के लिए 17 इंटरसेप्टर व्हीकल खरीदने को मंजूरी दे दी गई है। ये गाड़ियां उन जिलों की पुलिस को दी जाएगी जहां फोरलेन सड़कें ज्यादा हैं। एक इंटरसेप्टर की कीमत करीब 25 लाख है। यह खरीदारी परिवहन विभाग के अधीन बने रोड सेफ्टी फंड से होगी। स्टेट रोड सेफ्टी कॉउंसिल ने इसकी मंजूरी दे दी है। इंटरसेप्टर की खरीद के लिए रोड सेफ्टी के राज्य नोडल पदाधिकारी एडीजी सीआईडी विनय कुमार की ओर से प्रस्ताव दिया गया था।
कई खूबियों से लैस होती है यह गाड़ी
इंटरसेप्टर व्हीकल का निर्माण मुख्य तौर पर तेज रफ्तार गाड़ियों को पकड़ने के लिए होता है। इसमें सड़क से गुजरती गाड़ी की रफ्तार नापी जा सकती है। इसके लिए इसमें स्पीड गन और उससे जुड़ा मॉनिटर भी लगा होता है। गाड़ी तय मानक से ज्यादा तेज जा रही है तो वह इसमें लगे स्क्रीन पर दिख जाती है। इस दौरान गाड़ी की रफ्तार कितनी है यह भी पता चल जाता है। इसके अलावा भी इसमें कई खूबियां हैं। स्पीडी के साथ इंटरसेप्टर उस गाड़ी के नंबर प्लेट की फोटो भी खींच लेता है। यह काम गाड़ी में लगा हाईपावर का कैमरा करता है। आजकल जो इंटरसेप्टर गाड़ियां आ रही हैं उनमें लगे कैमरे 25 मीटर से 1 किलोमीटर तक की दूरी में गाड़ियों के नंबर प्लेट की तस्वीर ले सकता है।
एक बार में कई गाड़ियों को ट्रैक करने की क्षमता
पहले जो इंटसेप्टर आते थे उसमें लगी मशीन एक बार में एक गाड़ी को ही ट्रैक कर पाती थी। अब इनकी क्षमता एक समय पर एक से ज्यादा गाड़ियों को ट्रैक करने की है। इस गाड़ी के साथ ब्रेथएनलाइजर भी मौजूद रहेगा, ताकि तेज रफ्तार वाले वाहन के चालकों की जांच की जा सके।