Patna: बिहार क्रिकेट संघ के सचिव संजय कुमार के प्रवक्ता राशिद रौशन ने प्रेस विज्ञप्ति जारी करते हुए बिहार और बिहार क्रिकेट के लोगों को ये साफ कर दिया है कि बीसीए में गैर – संवैधानिक तथा फर्जी तरीके से चुनाव लड़ कर आए अध्यक्ष तथा संयुक्त सचिव के मनमानियों से जल्द छुटकारा मिल जाएगा।
बीसीए संयुक्त सचिव जो संघ विरोधी कार्य में स्वयं लिप्त हैं पहले अपने आपको कानून से बचा लें फिर किसी को बचने की बात करें। बीसीए संयुक्त सचिव के चुनाव पर पूर्व में ही उच्च न्यायालय में मामला लंबित है। कोरोना के वजह से अभी तक बचे हुए हैं लेकिन जल्द ही उनको अपने संघ विरोधी कार्यों का खामियाजा भुगतना पड़ सकता है। बीसीए संयुक्त सचिव तथा खुद को बताने वाले फर्जी कार्यवाहक सचिव कुमार अरविंद भी अध्यक्ष के गैर – संवैधानिक कार्यों में लिप्त हैं और लगातार बीसीए में बिना विज्ञापन के लोगों को कभी जीएम कभी सीईओ बनाते जा रहे हैं भला इससे बड़ा संघ विरोधी कार्य क्या हो सकता है ?
बीसीए अध्यक्ष जो खुद चुनाव अधिकारी को फर्जी जानकारी दे कर बीसीए में बने हुए हैं वो किसी पर आरोप कैसे लगा सकते हैं बीसीए के पदाधिकारी जो सचिव पे उंगली उठा रहे हैं पहले खुद अपनी गिरेबान में झांक लें। सचिव संजय कुमार ने बीसीए का पैसा खिलाड़ियों के हित में खर्च को मद्देनजर कोई जीएम वगैरह नहीं नियुक्त किया था मगर जहां एक तरफ कोरोनावायरस महामारी से खेल रुके हैं वहीं बीसीए के तथाकथित ईमानदार पदाधिकारी जीएम और सीईओ जैसे पदों पर पर्दे के पीछे से नियुक्तियां कर बीसीए कोष को खाली कर रहें हैं। बीसीए और बीसीए से जुड़े लोगों को मै ये बता देना चाहता हूं कि को जिला संघ लोढ़ा कमेटी के अनुसार अवैद्य है वैसे जिलों को साथ लेकर बीसीए अध्यक्ष और संयुक्त सचिव लगातार कदाचार और भ्रष्टाचार कि सीमा पार कर रहे हैं। जिसका खामियाजा उनको जरूर भुगतना पड़ेगा।
बीसीए में सचिव के विवाद को लेकर असली सच्चाई आजतक लोगों के बीच में नहीं असल में बीसीए अध्यक्ष के चुनाव अधिकारी को गलत जानकारी दे संघ में आने की बात सचिव को पता चली तो सचिव ने इस पर संज्ञान लेने का निर्णय लिया मगर उस समय महिला अन्तर्राष्ट्रीय श्रृंखला की मेजबानी के कारण इस पर होने वाली चर्चा आगे के लिए बाद गई।
संयुक्त सचिव के ऊपर पहले से ही लोढ़ा कमेटी के अनुसार गलत जानकारी देने के संदर्भ के उच्च न्यायालय में मामला दर्ज कराया जा चुका था। इसी बीच सचिव संजय कुमार ने बीसीए में लोढ़ा कमेटी के अनुसार कमेटी विस्तार कि चर्चा आगे बढ़ाई बस होना क्या था जो जिला संघों में कई वर्षों काई कि तरह जमे थे एक जुट हो गए और फर्जी एजीएम करा सचिव निलंबित कर दिया लेकिन निलंबित करने वाले एजीएम में अधिकांश अवैद्य जिलों का जमावड़ा रहा। हमारे सचिव संजय कुमार का स्पष्ट मानना है की बीसीए में जो भी होगा संविधान के अनुसार हीं होगा.
ये लोग पूर्व की कमेटी के द्वारा बीसीए के वैध जिलों को जिन्होंने लगातार बीसीए के संवैधानिक रूप से आयोजित ए जी एम, एस जी एम में जिलों का प्रतिनिधित्व किया, जिलों में खेल करवाया, उन सभी के साथ साजिश कर रहें हैं. डर दिखा कर उनलोगों की जुबान बंद करना चाहते हैं, कारवाई कर रहे है, मगर यह सब भी संविधान का उलंघन हीं है, किसी भी वैध्य जिला संघ को इनसे डरने की जरूरत नहीं है. लेकिन लगातार असंवैधानिक कार्यों की तेजी देख सचिव संजय कुमार ने भी एफीलिएशन रिव्यू कमेटी बना कर बीसीए को भ्रष्टाचार मुक्त बनाने के प्रयास में लग गए मगर बीसीए के तथाकथित ईमानदार पदाधिकारी के खेमे में लगातार भय का माहौल है और उल्टा सीधा खबर लोगों के बीच फैलाने में व्यस्त हैं।
बीसीए में जल्द ही सबकुछ ठीक होगा और बीसीए भ्रष्टाचार मुक्त कर अच्छे परिवेश का निर्माण सचिव संजय कुमार द्वारा किया जाएगा। आगामी एसजीएम में सभी वैद्य जिलों को ही शामिल किया जा रहा है और बीसीए संविधान का सम्मान तथा लोढ़ा कमेटी के निर्देशों का पालन करते हुए ही सभी निर्णय लिए जा रहे हैं। बीसीए सचिव के अनुसार बीसीए में सिर्फ संवैधानिक और कानूनन तरीके से खिलाड़ियों के विकास के ही लिए कार्य किया जाएगा।
बीसीए अध्यक्ष कार्य समिति के अन्य सदस्यों और कुछ वैध जिलों को गुमराह करने में लगे हैं, लेकिन बीसीए से जुड़ा एक एक सदस्य तथा बिहार के क्रिकेटर इन दोनों की सच्चाई को समझ चुके हैं, कोई भी अब इनके झांसे में आने वाला नहीं है। बीसीए अध्यक्ष और फर्जी कार्यवाहक सचिव के विरुद्ध जल्द कार्यवाही कि जाएगी और अबतक के सभी गैर – कानूनी कार्यों तथा उच्च न्यायालय तथा लोढ़ा कमेटी के अवमानना को मद्देनजर कार्यवाही किया जाना तय है।