Patna: वर्ष 2019 तक सुशांत सिंह राजपूत को दवाइयों की जरूरत नहीं पड़ती थी. न ही वे उिप्रेशन के शिकार थे. इस बार सुशांत के करीबी रहे डायरेक्टर कुशल जावेरी ने यह खुलासा किया है. कुशल जावेरी ने कहा है कि सुशांत एक बेहद खुले दिल के इंसान थे. अक्सर उनकी बात सुशांत से होती थी. उन्हें दवाइयों की जरूरत नहीं थी. इससे पहले पटना पुलिस की एसआईटी भी कुशल का बयान ले चुकी है. उस वक्त भी उन्होंने सुशांत और खुद के अच्छे संबंधों के बारे में चर्चा की थी.
गौर करें तो सुशांत के पूर्व कर्मियों के अलावा परिवार वाले और अन्य लोग भी यह दावा कर चुके हैं कि सुशांत सिंह डिप्रेशन के शिकार नहीं थे. सवाल यह है कि आखिर रिया चक्रवर्ती ने ही सुशांत के डिप्रेशन में होने और दवाईयां खाने की बात पर जोर क्यों दिया. रिया ये सुशांत के बारे में यह सब कहकर क्या साबित करना चाहती थीं. अगर उन्हें सुशांत की बीमारी की इतनी ही फिक्र थी तो रिया एकाएक उन्हें छोड़कर घर से क्यों चली गयीं.
कुशल से वाट्स एप पर भी हुई थी बात
कुशल जावेरी और सुशांत के बीच वाट्स एप पर भी बात हुई थी. उस वक्त सुशांत ने अध्यात्म की ओर जोर देने जैसी बातें की थीं. सुशांत की बातचीत से बिल्कुल ऐसा नहीं लगा था कि वे डिप्रेशन जैसी बीमारी के शिकार हैं. जून के महीने में कुशल ने उन्हें मैसेज किया था. इस दौरान सुशांत ने अपने अन्य दोस्तों का हालचाल भी कुशल से लिया था. लगातार दो दिनों तक दोनों के बीच वाट्स एप बातचीत होती रही.
प्रोफेसर ने भी डिप्रेशन की बात से किया इनकार
सुशांत को पढ़ा चुके एक प्रोफेसर ने भी डिप्रेशन की बात से इनकार किया है. उन्होंने कहा कि बीते वर्ष 2019 में सुशांत उनसे मिले थे. उस वक्त वे काफी खुश थे. सुशांत की बातों से ऐसा नहीं लगा था कि उन्हें किसी तरह की बीमारी है.
साजिश के तहत डिप्रेशन की उड़ायी अफवाह
सुशांत प्रकरण में ज्यादातर लोगों ने उनके डिप्रेशन में न होने बात कही है. ऐसे में इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता है कि साजिश के तहत ही कुछ लोगों ने सुशांत के डिप्रेशन में होने की अफवाह उड़ायी. जान-बूझकर उन्हें बीमार करार दिया गया ताकि सुशांत की मौत की जांच की सूई दूसरी ओर मुड़ जाय.