Patna: बिहार के अधिकतर जिलों में मानसून की मेहरबानी अगस्त महीने के आरंभिक दो हफ्तों में भी जारी रहेगी। मौसमविदों ने एक आकलन के आधार पर यह पूर्वानुमान किया है। अभी तक मानसून की स्थिति राज्य में सामान्य से 50 फीसदी तक ज्यादा रही है। एक या दो जिलों को छोड़ दें तो पूरे सूबे में बारिश की स्थिति सामान्य से काफी ज्यादा है।
27 या 28 जुलाई से भारी बारिश के आसार
मानसून ट्रफ हिमालय की तराई की ओर शिफ्ट हो रहा है। इस वजह से उत्तर बिहार में भारी से भारी बारिश के आसार हैं। गंगा के मैदानी भाग में भारी बारिश की स्थिति रहेगी। मौसम विज्ञान केंद्र इस बाबत अलर्ट जारी कर कहा है कि 27 की रात या 28 की सुबह से फिर से भारी बारिश की स्थिति बन सकती है। इसके बाद अगले दो दिनों तक स्थिति ऐसी ही बनी रहेगी। कई जिलों में वज्रपात का भी अलर्ट है।
अभी मानसून की सक्रियता में आई है कमी
पिछले 24 घंटों में मानसून की सक्रियता में आंशिक कमी आई है। मौसम विज्ञान केंद्र की ओर से मिली जानकारी के अनुसार इस वजह से सुबह के कई शहरों का तापमान भी ऊपर चढ़ा है। पिछले 48 घंटों में बारिश कम होने से फिर से लोग उमस और गर्मी से बेहाल होने लगे हैं। अगले 24 घंटों की मौसम पूर्वानुमान में बताया गया है कि राज्य के कुछ हिस्सों में आंशिक से मध्यम बारिश हो सकती है। अभी मानसून रेखा पटना से होकर गुजर रही है। ऐसे में राज्य में एक दो जगहों पर तेज बारिश व एक दर्जन बिजली कड़कने और वज्रपात के आसार जताए गए हैं।
एक दशक बाद इतना बेहतर मानसून
मौसम वैज्ञानिकों का कहना है लगभग एक दशक बाद इस तरह की बारिश हुई है। इससे पहले 2009 में इसी प्रकार की बारिश देखी गई थी। जबकि पश्चिम बंगाल खाड़ी क्षेत्र में इस बार लो प्रेशर एरिया भी कम बना है। इसके बावजूद बारिश की मात्रा अधिक रही है। इंडियन मेट्रोलॉजिकल सोसायटी के बिहार चैप्टर के सचिव सह सेंट्रल यूनिवर्सिटी ऑफ साउथ बिहार के प्रोफेसर डॉक्टर प्रधान पार्थसारथी का कहना है कि अमूमन दो तरह के प्रदूषक तत्व वातावरण में पाए जाते हैं। इनमें एक बारिश के लिए सहायक होते हैं और दूसरी बारिश की प्रक्रिया को धीमी करते हैं। उनका मानना है कि लॉकडाउन की वजह से वातावरण में ऐसे प्रदूषक तत्व अधिक हुए जिनसे बादलों के बनने की प्रक्रिया तेज हुई और बारिश सामान्य से अधिक दर्ज की गई। एक अध्ययन के मुताबिक उन्होंने कहा कि राज्य में 13 अगस्त तक सामान्य से ज्यादा बारिश होगी। इसके बाद एक से दो हफ्तों का ब्रेक लग सकता है।