Patna: बिहार में आई बाढ़ के बीच NDRF की टीम ने प्रसव वेदना से छटपटा रही एक गर्भवती महिला का प्रसव अपनी बोट पर कराया. उफनती नदी में बोट पर बच्ची के जन्म के साथ जब किलकारी गूंजी तो सबों ने राहत की सांस ली. इसके बाद एनडीआरएफ ने जच्चा-बच्चा को सुरक्षित अस्पताल पहुंचाया. जिसे भी इस घटना की जानकारी मिली, वाह-वाह कर उठा. यह घटना पूर्वी चंपारण जिले में बंजरिया का है.
एनडीआरएफ ने बाढ़ में फंसी महिलाका किया रेस्क्यू
पूर्वी चम्पारण जिला में बाढ़ राहत व बचाव कार्य के दौरान एनडीआरएफ की 9वीं बटालियन को बूढ़ी गंडक नदी के बाढ़ प्रभावित बंजरिया प्रखंड के गोबरी गांव में प्रसव पीड़ा से छटपटाती एक गर्भवती महिला के फंसे होने की सूचना मिली. इसके बाद एनडीआरएफ की टीम वहां रेस्क्यू बोट लेकर पहुंच गई. एनडीआरएफ की टीम प्रसव पीड़ित महिला रीमा देवी को स्वजनों व एक आशा कार्यकर्ता के साथ नजदीकी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के लिए निकल गई.
उफनती नदी के बीच बोट पर ही दिया बच्ची को जन्म
बूढ़ी गंडक नदी में बोट पहुंचने तक महिला की स्थिति खराब हो गई. तब एनडीआरएफ ने उफनती नदी में बेाट पर ही प्रसव काराने का फैसला लिया. फिर, एनडीआरएफ टीम, आशा कार्यकर्ता व परिवार की महिलाओं के सहयोग से बोट पर ही महिला ने एक बच्ची को जन्त दिया. इसके बाद एनडीआरएफ टीम ने महिला और उसकी बच्ची को एंबुलेंस की मदद से बंजरिया के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती करा दिया.
प्रसव के लिए प्रशिक्षित होते एनडीआरएफ के कर्मी
एनडीआरएफ की 9वीं बटालियन के कमान्डेंट विजय सिन्हा ने बताया कि बाढ़ प्रभवित इलाकों से लोगों को सुरक्षित निकालने के दौरान उनकी बटालियन बीते सालों से अभी तक 10 बच्चों को जन्म दिला चुकी है. इनमें एक बार जुड़वा बच्चों का जन्म भी शामिल है. उन्होंने बताया कि एनडीआरएफ के कर्मी प्राथमिक चिकित्सा के साथ सुरक्षित प्रसव कराने का प्रशिक्षण भी प्राप्त होते हैं, ताकि आपत स्थिति में वे मदद कर सकें.