Patna: बिहार में चल रहे कोरोना संकट के बीच राज्य सरकार ने पटना में फ्लैट की रजिस्ट्री के लिए प्रक्रिया बदल दी है. कोरोना संक्रमण से बचने के लिए ऐसी व्यवस्था की गयी है जिससे रजिस्ट्री ऑफिस में भीड़ न लगे. अब फ्लैट की रजिस्ट्री कराने के लिए न सिर्फ ऑनलाइन अप्वाइंटमेंट लेना होगा बल्कि उससे पहले दस्तावेज को भी अपलोड करना होगा.
दरअसल राज्य सरकार ने पहले ही जमीन की खऱीद बिक्री के लिए रजिस्ट्री ऑफिस में ऑनलाइन अप्वाइंटमेंट लेने की व्यवस्था की है. अब निबंधन विभाग ने फ्लैट की खरीद बिक्री के लिए एक और शर्त जोड़ दिया है. पटना में फ्लैट की रजिस्ट्री का ऑनलाइन अप्वाइंटमेंट लेने के लिए फ्लैट के दस्तावेज की पीडीएफ कॉपी को विभाग के वेबसाइट पर अपलोड करना अनिवार्य कर दिया है. सरकार का मानना है कि इससे निबंधन की प्रक्रिया आसान हो जायेगी.
रजिस्ट्री के वक्त ये देखा जायेगा कि अपलोडेड पीडीएफ फाइल मूल दस्तावेज की कॉपी है या नहीं. अगर कागजात सही हुए तो रजिस्ट्री का काम मिनटों में हो जायेगा. सरकार को उम्मीद है इस प्रक्रिया के शुरू होने के बाद रजिस्ट्री कार्यालयों में भीड़ कमेगी और समय भी कम लगेगा.
रजिस्ट्री में कमी से सरकार चिंतित
दरअसल राज्य सरकार जमीन-मकान की रजिस्ट्री में कमी से परेशान है. सरकार को जमीन-मकान की खऱीद बिक्री से अच्छी आमदनी होती है. लेकिन कोरोना काल में रजिस्ट्री में 70 फीसदी तक की कमी आ गयी है. मार्च से लेकर जून तक पटना में जमीन और फ्लैट की रजिस्ट्री में काफी कमी आयी है. इससे सरकार को राजस्व का अच्छा खासा नुकसान हुआ है.
लॉकडाउन के दौरान ही सरकार ने 20 अप्रैल को निबंधन कार्यालय खोल दिया था. इसके बावजूद पिछले तीन महीने में जमीन, मकान और फ्लैट की बेहद कम खरीद-बिक्री हुई. अप्रैल, मई और जून महीने में पटना में सिर्फ 90 हजार ही रजिस्ट्री हुई. कोरोना संकट शुरू होने से पहले हर महीने औसतन 90-95 हजार दस्तावेजों का निबंधन हो रहा था.
सरकारी आंकडो के मुताबिक अप्रैल महीने में पटना में सिर्फ दो सौ के रजिस्ट्री हुई. मई में निबंधन की संख्या में थोड़ी वृद्धि हुई और इस महीने लगभग 11 हजार रजिस्ट्री हुई. रजिस्ट्री की संख्या ने जून में रफ्तार पकड़ा और इस महीने लगभग 79 हजार रजिस्ट्री हुई. लेकिन जुलाई में पटना में कोरोना का संकट गहराता जा रहा है. ऐसे में सरकार को लग रहा है कि एक बार फिर रजिस्ट्री का सिलसिला रूक सकता है. कोरोना के कारण पहले से ही वित्तीय संकट झेल रही सरकार रजिस्ट्री की तादाद को बढ़ाने की कोशिशों में लगी है ताकि खाली खजाने को भरा जा सके.