Patna:केंद्र सरकार ने 24 मार्च को देशव्यापी लॉकडाउन की घोषणा की थी. इसके बाद सुप्रीम कोर्ट जैसे महत्वपूर्ण संस्थानों ने भी अपना काम करने का तरीका बदल लिया. सोशल डिस्टेंसिंग को ध्यान में रखते हुए वर्चुअत तौर-तरीके को अपनाया गया. सुप्रीम कोर्ट के जजों ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए ही मामलों पर सुनवाी की.
सुप्रीम कोर्ट ने लॉकडाउन के 56 दिनों में एक इतिहास भी बनाया. कोर्ट ने वर्चुअल माध्यम से 6000 से ज्यादा मामलों की सुनवाई की. दुनिया के किसी कोर्ट में भी इतने केस पर सुनवाई नहीं हुई.
आपको बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने कोरोना वायरस के बढ़ते खतरे और राजधानी में जगह-जगह लागू प्रतिबंध के मद्देनजर 22 मार्च को अपने कामकाज को सीमित करने का फैसला लिया था. इतना ही नहीं कोर्ट परिसर के अंदर वकीलों के चेंबर भी बंद कर दिए. कोर्ट का यह भी कहना था कि अगले आदेश तक अदालत तत्काल मामलों की सुनवाई वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए करेगी.
कोर्ट ने कहा था कि वकीलों को दिये जाने वाले सभी प्रॉक्सिमिटी कार्ड रद्द किये जाएंगे, जिससे उन्हें शीर्ष अदालत आने से रोका जा सके. शीर्ष अदालत ने 22 मार्च को इस संबंध में एक अधिसूचना जारी की थी, जिसमें कहा कि 25 मार्च से केवल दो न्यायाधीशों की पीठ सिर्फ बेहद जरूरी मामलों में वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये मामलों की सुनवाई करेगी.