नहीं सुधरेंगे पटना के प्राइवेट अस्पताल, कोरोना इलाज के सरकारी रेट तय होते ही बताने लगे बेड हैं फुल

नहीं सुधरेंगे पटना के प्राइवेट अस्पताल, कोरोना इलाज के सरकारी रेट तय होते ही बताने लगे बेड हैं फुल

Patna:निजी अस्पतालों में कोरोना मरीजों के इलाज के लिए सरकार की ओर से अधिकतम शुल्क तय होने के बाद से शहर के कई निजी अस्पताल वाले बेड फुल होने की बात कर भर्ती करने से इनकार करने लगे हैं। किसी ने एक भी बेड खाली नहीं होने की बात की तो किसी ने आईसीयू में बेड नहीं होने की बात कही। वहीं कुछ ने दवा के लिए मरीज को अलग से शुल्क देना होगा, की बात कही। एक निजी अस्पताल के प्रबंधक ने साफ कहा कि सरकार का निर्देश है उसका पूरा पालन करना है। हालांकि अधिकांश निजी अस्पतालों ने यह जरूर कहा कि अब क्या सोचना है सरकार ने जब रेट तय कर दिया है तो इलाज कराइए।

बेली रोड
इस इलाके के एक बड़े अस्पताल से कोरोना इलाज के बारे में जब पूछा गया तो अस्पताल कर्मी ने कहा कि बेड फुल हैं। जब यह पूछा गया कि कब तक खाली हो जाएगा, तो पता नहीं, कहकर फोन काट दिया। दुबारा फोन करने पर अस्पताल के कर्मी ने कहा कि जब मरीज भर्ती होगा, तभी इलाज की दर बताएंगे। अभी से आपको क्या बताएं?

पाटलिपुत्रा
यहां स्थित एक अस्पताल में भर्ती होने के लिए जब संपर्क किया गया तो कोरोना मरीज की स्थिति के बारे में पूछा गया। फिर कहा गया कि ऑक्सीजन की जरूरत पड़ेगी तो आइसोलेशन वार्ड में भर्ती कर लेंगे लेकिन वेंटिलेटर की जरूरत पड़ेगी तो भर्ती नहीं करेंगे क्योंकि आईसीयू में बेड खाली नहीं है। अस्पताल कर्मी ने यह भी बताया कि मरीज की जांच और दवा के लिए अलग से शुल्क देना होगा। सरकारी रेट पर ही इलाज होगा।

गर्दनीबाग
गर्दनीबाग स्थित अस्पताल में जब फोन किया गया तो यहां बताया गया कि बेड है, मरीज को ला सकते हैं। जब सरकार द्वारा तय शुल्क पर पूछा गया तो अस्पताल की ओर से बताया गया कि कोरोना मरीज का इलाज सरकारी पैकेज में ही किया जाएगा। जब दवा और जांच के बारे में पूछा गया तो अस्पताल की ओर से बताया गया कि सभी कुछ सरकारी पैकेज में ही शामिल हैं। सरकार की ओर से जो पैकेज तय है उसका पूरा पालन किया जाएगा।

सगुना मोड़
सगुना मोड़ स्थित इस अस्पताल के मोबाइल नंबर पर संपर्क किया गया तो पहले तो उन्होंने पूछा कि गैस्ट्रों के मरीज होंगे तो ही भर्ती किया जाएगा। फिर उन्होंने कहा कि अभी आइसोलेशन वार्ड तैयार नहीं है। सिविल सर्जन कार्यालय को पत्र लिखकर सूचना दे दी गई है। जिला प्रशासन ने यहां 25 बेड कोरोना मरीजों के लिए आरक्षित किया है। अस्पतालवालों का कहना है कि बहुत पहले ही प्रशासन व सिविल सर्जन ने आइसोलेशन वार्ड की सुविधा नहीं होने की बात कह दी गई है।

कंकड़बाग
इस अस्पताल में दर्जन बार फोन किया। लेकिन अस्पताल की ओर से फोन नहीं उठाया गया। इस नंबर पर पूरी घंटी हो रही थी लेकिन नंबर नहीं उठा। दोपहर दो बजे से ढाई बजे के बीच कॉल किया गया। इस अस्पताल में कुल 65 बेड, 6 आईसीयू और 3 वेंटिलेटर हैं। कोरोना मरीज के लिए 14 बेड हैं। लेकिन जब नंबर ही नहीं उठ रहा तो यहां मरीज कैसे पहुंचेंगे।

राजेंद्र नगर पुल के पास
इस अस्पताल में आठ बार कॉल करने पर फोन उठाया गया। जब संवाददाता ने बताया कि उसको कोरोना का लक्षण है, सांस लेने में दिक्कत है, सर्दी है तो अस्पताल के नम्बर से फोन उठाने वाली महिला स्टाफ ने बताया कि यहां हड्डी के मरीज कोरोना से पीड़ित हैं, तभी इलाज होगा। इसपर संवाददाता ने कहा कि प्रशासन की लिस्ट में जिक्र है कि कोरोना का इलाज होगा, इसपर जवाब मिला कि बिना ऑर्थो केस के मरीज भर्ती नहीं होंगे।

बाढ़
इस अस्पताल के नंबर पर सात बार में काल उठा। कोरोना के मरीज के बारे में पूछने पर बताया गया कि सरकार द्वारा तय फीस ली जाएगी। मरीज को रोजाना के हिसाब से फीस देना होगा। यहां 40 बेड है, 9 आईसीयू और 3 वेंटिलेटर हैं। कोरोना के मरीज के लिए 10 बेड रखा गया है। जानकारी दी गयी कि पटना से भी मरीज लाकर भर्ती करा सकते हैं।

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