Patna: बिहार में कोरोना संक्रमितों के बेहतर इलाज और जांच की सुविधा बढ़ाने को लेकर राज्य सरकार ने कई पहल की है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के निर्देश पर हर स्तर पर बेड की संख्या के साथ-साथ संक्रमण की जांच का दायरा भी बढ़ाया जा रहा है। कोरोना के गंभीर मरीजों के इलाज के लिए डेडिकेटेड अस्पतालों में उपलब्ध बेडों की संख्या 3500 से बढ़ाकर शीघ्र ही 4600 किया जाएगा। इस तरह 1100 और बेड बढ़ जाएंगे।
मुख्य सचिव दीपक कुमार की अध्यक्षता में गुरुवार को हुई बैठक में मुख्यमंत्री के निर्देश के मद्देनजर तमाम कार्रवाई शीघ्र करने का निर्देश स्वास्थ्य विभाग को दिया गया है। स्वास्थ्य विभाग के सचिव लोकेश कुमार ने कहा कि हल्के लक्षण अथवा बिना लक्षण वाले कोरोना संक्रमितों को रखने के लिए जिला कोविड केयर सेंटर में 40 हजार बेड के लिए जगह चिह्नित कर लिये गए हैं। वहीं इनमें 20 हजार बेड तैयार कर लिये गए हैं। अधिक लक्षण वाले मरीजों के लिए जिला कोविड डेडिकेटेड सेंटर में चार हजार बेड तैयार है। इन जगहों पर भी बेहतर इलाज की व्यवस्था है।
उन्होंने कहा कि वहीं गंभीर बीमार को राज्य के संबंधित मेडिकल कॉलेजों और एम्स में भेजा जा रहा है, जहां डेडिकेटेड वार्ड की व्यवस्था है। इसके अलावा बिना लक्षण अथवा हल्के लक्षण वाले संक्रमितों को होम आइसोलेशन में भी रहने की सुविधा दी गई है। हालांकि यह सुविधा उन्हीं को है, जिनके घर में मरीज के अलग रहने की व्यवस्था है। होम आइसोलेशन में रह रहे लोगों से नियमित स्वास्थ्य की जानकारी लेने के लिए अलग टीम गठित है।
ज्ञान भवन में बनेगा 100 बेड का कोविड अस्पताल
पटना के ज्ञान भवन में 100 बेड का डेडिकेटेड कोविड अस्पताल बनाया जाएगा। पटना सिटी के गुरुगोविंद सिंह मेडिकल कॉलेज में 100 बेड की व्यवस्था की जा रही है, जिसे एनएमसीएच से जोड़ा जाएगा। मधेपुरा मेडिकल कॉलेज में 400 और बेड की व्यवस्था की जा रही है। ईएसआई अस्पताल में 100 बेड बनाए जा रहा है, जिसे 300 बेड तक किया जाएगा।
ऑक्सीजन सिलेंडर उपलब्ध
सचिव ने बताया कि जिलों में 13 हजार और मेडिकल कॉलेजों में पांच हजार ऑक्सीजन सिलेंडर उपलब्ध हैं। ऑक्सीजन कांस्ट्रेटर की भी व्यवस्था की गई है। मार्च के बाद से राज्य के विभिन्न अस्पतालों में 393 अतिरिक्त वेंटिलेटर की व्यवस्था की गई है।
अधिकतम 24 घंटे में मिलेगी कोरोना जांच रिपोर्ट
मुख्य सचिव की अध्यक्षता में हुई बैठक में स्वास्थ्य विभाग को निर्देश दिया गया है कि हर हाल में अधिकतम 24 घंटे में कोरोना संक्रमण की जांच रिपोर्ट संबंधित व्यक्ति को उपलब्ध कराना सुनिश्चित करें। इस संबंध में सूचना एवं जनसंपर्क विभाग के सचिव अनुपम कुमार ने कहा कि एंटीजन जांच रिपोर्ट तो शीघ्र प्राप्त होती है। आरटीपीसीआर जांच की रिपोर्ट में 24 घंटे में देने का निर्देश दिया गया है। कहा कि कोरोना संक्रमितों का निजी अस्पतालों में इलाज शीघ्र शुरू कराने को लेकर भी जिलों को निर्देश दिए गए हैं। इलाज की दर क्या होगी, इसको लेकर भी प्रमंडल अथवा जिलास्तर पर निर्णय लेने को कहा गया है। ताकि मरीजों को इलाज में कोई दिक्कत न हो।