बिहार का लाल- अभाव में कटा बचपन, पापा बेचते हैं दूध, बेटे ने फहराया परचम, पहले ही प्रयास में IAS

बिहार का लाल- अभाव में कटा बचपन, पापा बेचते हैं दूध, बेटे ने फहराया परचम, पहले ही प्रयास में IAS

Patna: बिहार के ही मधुबनी जिले के रहनेवाले मुकुंद कुमार ने यूपीएससी में 54वां रैंक हासिल किया है। उनके पिता की सुधा दूध की दुकान है। लेकिन आमदनी इतनी नहीं कि जिंदगी में ऐशो आराम हो। लेकिन उन्होंने बेटे को पढ़ाने में कोई कमी नहीं रखी। जब जैसी जरूरत हुई बेटे को हर सुविधा मुहैया कराई। जमीन तक बेचना पड़ा। लेकिन आज उनके लाल ने उनका नाम रोशन कर दिया है। उसके यूपीएसएसी में चुने जाने से पूरा इलाका खुशी में झूम रहा है।

मुकुंद का यह पहला ही प्रयास था। बाबूबरही प्रखंड के बरुआर निवासी मनोज कुमार व गृहिणी ममता देवी के खुशियों का ठिकाना नहीं। बाबूबरही बाजार में पीएनबी के निकट इनकी दुकान है। आंखों में भर आए आंसूओं को पोछते हुए पिता बोल पड़े- बेटे ने आज जिंदगी सफल कर दी। कभी सोचा नहीं था कि जीवन में इतनी खुशियां मिलेंगी। बेटे ने नाम रौशन कर दिया है।

मुकुंद का बचपन ग्रामीण परिवेश में ही बीता। वर्ष 2008 में मुकुंद का चयन सैनिक स्कूल, गोलपारा, असम में हो गया। 2015 में बारहवीं पास करने के बाद ये नेवी के लिये प्रयासरत थे। लेकिन, नेवी में सफलता नहीं मिली। 2018 में दिल्ली यूनिवर्सिटी से प्रथम श्रेणी में इंग्लिश ऑनर्स किया और यूपीएससी की तैयारी में जुट गये। मुख्य परीक्षा में मुकुंद ने राजनीति शास्त्र व अंग्रेजी विषय रखा। इससे पहले मुकुंद ने चौसठवीं बीपीएसी की मुख्य परीक्षा भी पास की।

मुकुंद ने कहा- अगर लक्ष्य निर्धारित हो तो इसे पाने में आर्थिक तंगहाली कभी आड़े नहीं आती, बस जज्बा होना चाहिए। पिछले डेढ़ साल से प्रतिदिन छह से आठ घंटों की तैयारी नियमित रूप से कर रहे थे। कहा कि जीवन में आने वाली कठिनाईयां हमें हमेशा कुछ अलग करने की प्रेरणा देते हैं। अपनी सफलता का श्रेय माता-पिता, मामा कन्हैया झा व दिलीप झा के साथ ही दोनों मामी व अपने गुरुजनों को दिया।

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