बिहार विधानसभा का पहला पांच दिवसीय विशेष सत्र शुरु, दो दिन तक विधायक लेंगे शपथ

बिहार विधानसभा का पहला पांच दिवसीय विशेष सत्र शुरु, दो दिन तक विधायक लेंगे शपथ

Patna:17वीं विधानसभा का पहला पांच दिवसीय सत्र आज सोमवार (23 नवंबर) से शुरू होगा। इस बार कई बड़े चेहरे सदन में नहीं दिखेंगे। पिछली बार के करीब दो तिहाई विधायक लौटकर सदन में नहीं आए हैं। कुछ टिकट की दौड़ में ही पिछड़ गए थे और कुछ हार गए। पहले दो दिन प्रोटेम स्पीकर जीतनराम मांझी सदस्यों को शपथ दिलाएंगे। तीसरे दिन विधानसभा अध्यक्ष का चुनाव होगा।

इस मायने में खास होगा सत्र

इस बार का विशेष सत्र इस मायने में भी खास होगा कि कोरोना संक्रमण के खतरे को देखते हुए दोनों सदनों की कार्यवाही की जगह बदल जाएगी। विधानसभा की कार्यवाही 23 नवंबर से 27 नवंबर तक नए बने सेंट्रल हॉल में चलेगी। इसी हॉल में प्रथम दो दिन सदस्यों को शपथ दिलाई जाएगी और 26 नवंबर को राज्यपाल फागू चौहान संयुक्त सत्र को संबोधित करेंगे। विधान परिषद की दो दिनों तक (26 और 27 नवंबर) को चलने वाली कार्यवाही को विधानसभा वेश्म में आयोजित किया जाएगा। संबंधित अधिसूचना रविवार को जारी कर दी गई है। विधान परिषद की कार्यवाही भी पहली बार विधानसभा में होने जा रही है। मानसून सत्र के दौरान भी दोनों सदनों की जगह बदली गई थी। संसदीय व्यवस्था के करीब सौ सालों के इतिहास में पहली बार विधानमंडल परिसर से बाहर ज्ञान भवन में सत्र का आयोजन किया गया था।

कोरोना संक्रमण के खतरे को देखते हुए मानसून सत्र की तरह ही इस बार भी बेहद सावधानी बरती जा रही है। पूरे परिसर को अभी से सैनेटाइज किया गया है। सभी विधायकों के लिए मास्क लगाना अनिवार्य होगा। सदन में भी दूर-दूर बैठने की व्यवस्था की जा रही है।

नंद किशोर बनेंगे स्पीकर

नवनिर्वाचित विधायकों को प्रोटेम स्पीकर जीतनराम मांझी सोमवार और मंगलवार को शपथ दिलाएंगे। बुधवार को नए स्पीकर का चुनाव होना है। भाजपा के वरिष्ठ नेता नंद किशोर यादव का विधानसभा अध्यक्ष बनना तय है। तेजस्वी यादव को पहले ही राजद ने अपना नेता चुन लिया है। अब वे सदन में नेता प्रतिपक्ष की हैसियत में आ जाएंगे।

इस बार 90 नए चेहरे

पिछले सत्र के 154 चेहरे इस बार नहीं दिखेंगे। वे या तो हार गए हैं या टिकट वितरण के दौरान दलों ने भी उनपर दोबारा भरोसा नहीं किया। विधानसभा चुनाव में इस बार 90 को पहली बार विधायक बनने का मौका मिला है, जबकि पिछले सत्र के सिर्फ 89 विधायकों की ही वापसी हुई है। 64 विधायक ऐसे भी हैं, जो पहले किसी न किसी चुनाव में जीतकर विधायक बनते रहे हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *