पटना: योग गुरु रामदेव की एलोपैथी पर कथित टिप्पणी के विरोध में देश भर के डॉक्टर आज ब्लैक डे’ मना रहे हैं, जिसमें उन्होंने आधुनिक चिकित्सा उपचार को ‘बेकार’ कहा था। विभिन्न चिकित्सा संघों ने रामदेव की कथित ‘असंवेदनशील और अपमानजनक’ टिप्पणियों के लिए ‘बिना शर्त खुली सार्वजनिक माफी’ की मांग की है। रामदेव ने कथित तौर पर कहा था कि कोरोना संक्रमण से ज्यादा आधुनिक मेडिसिन के चलते कोविड से लोगों की मौत हुई।
कोरोना वायरस संक्रमितों के इलाज में इस्तेमाल की जा रहीं कुछ दवाओं पर रामदेव द्वारा सवाल उठाने जाने पर विवाद खड़ा हो गया था। रामदेव ने कहा था, ‘कोविड-19 के इलाज में एलोपैथी दवाओं के सेवन से लाखों लोगों की जान जा चुकी है।’ रामदेव की इन टिप्पणियों का कड़ा विरोध हुआ, जिसके बाद केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने उनसे ‘बेहद दुर्भाग्यपूर्ण’ बयान वापस लेने को कहा।
रामदेव ने रविवार को मजबूर होकर अपना बयान वापस ले लिया। अगले दिन उन्होंने भारतीय चिकित्सा संघ (आईएमए) को खुला पत्र लिखकर 25 सवाल पूछे। उन्होंने पूछा कि क्या एलोपैथी से बीमारियों से स्थायी रूप से छुटकारा मिल जाता है।
गुजरात के डॉक्टरों ने रामदेव के खिलाफ कार्रवाई के लिए पुलिस से किया संपर्कउधर गुजरात में डॉक्टरों का प्रतिनिधित्व करने वाले अहम संगठनों ने आधुनिक चिकित्सा पद्धति और उसके चिकित्सकों के विरुद्ध कथित रूप से अपमाननजक टिप्पणियां करने को लेकर योग गुरु रामदेव के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने की मांग करते हुए सोमवार को यहां अहमदाबाद पुलिस से संपर्क किया। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन की गुजरात इकाई और अहमदाबाद मेडिकल एसोसिएशन के वरिष्ठ डॉक्टरों एवं पदाधिकारियों ने नवरंगपुरा पुलिस को अलग-अलग आवेदन दिए तथा रामदेव के खिलाफ कार्रवाई की मांग की।
एलोपैथी और टीकों के खिलाफ टिप्पणियां कर रामदेव विवादों में घिर गए हैं। दोनों ही संगठनों ने पुलिस से रामदेव के विरुद्ध महामारी रोग अधिनियम और आपदा प्रबंधन अधिनियम की संबंधित धाराओं के तहत प्राथमिकी दर्ज करने की अपील की। पुलिस ने कहा कि उसे डॉक्टरों से ज्ञापन मिले हैं।
इसके साथ ही आईएमए की बंगाल इकाई ने योग गुरु रामदेव के खिलाफ उनकी इस कथित टिप्पणी के लिए पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है कि डॉक्टरों सहित कई कोविड-19 रोगियों की मौत हो गई क्योंकि आधुनिक दवाएं बीमारी का इलाज नहीं कर सकती हैं। आईएमए की बंगाल शाखा ने शुक्रवार को दर्ज शिकायत में कहा, ‘रामदेव ने कहा है कि आधुनिक चिकित्सा पद्धति के कारण कोविड के मरीज अधिक पीड़ित हैं और मर रहे हैं, जो कोरोना वायरस का इलाज नहीं कर सकती। उन्होंने यह भी कहा है कि टीके की दोनों खुराक लेने के बाद भी 10,000 से ज्यादा डॉक्टरों की मौत हो चुकी है, जो कि बिल्कुल गलत है।’