BJP MLC का सनसनीखेज दावा- शहाबुद्दीन की साजिशन हत्‍या, सीएम नीतीश का प्रत्‍यक्ष या परोक्ष रूप से इसमें हाथ

BJP MLC का सनसनीखेज दावा- शहाबुद्दीन की साजिशन हत्‍या, सीएम नीतीश का प्रत्‍यक्ष या परोक्ष रूप से इसमें हाथ

पटना: बीजेपी एमएलसी टुन्ना पांडे ने नीतीश कुमार पर जमकर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि मोहम्मद शहाबुद्दीन ठीक ही कहे थे कि नीतीश कुमार परिस्थितियों के मुख्यमंत्री हैं। पहली बार और दूसरी बार दो नंबर और तीन नंबर की पार्टी होने के बावजूद मुख्यमंत्री बने हैं। बीजेपी एमएलसी ने यह भी घोषणा की कि जब तक शहाबुदीन के परिवार का कोई सदस्य किसी सदन में नहीं जाता तब तक वह कोई चुनाव नहीं लड़ेंगे। टुन्ना पांडे ने आरोप लगाया कि साज़िश करके शहाबुद्दीन हत्या की गई है। बीजेपी एमएलसी ने आरोप लगाया कि प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से इसमें बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का भी हाथ है।

भाजपा नेता ने कहा कि मोहम्मद शहाबुदीन के शव को सीवान की मिट्टी नसीब नहीं होने दी गई। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अगर चाहते तो पार्टी लाइन से ऊपर उठकर यह कार्य किया जा सकता था। सीएम नीतीश की पहल पर ही हाल में सिक्किम से एक कोरोना पॉजिटिव नुरुल हुदा का शव बिहार लाया गया, लेकिन 4 बार के सांसद 2 बार के विधायक शहाबुदीन के साथ नीतीश कुमार ने गलत किया। इसका उन्हें पाप लगेगा।

भाजपा ने दिया था बेस्ट एमपी का सम्मान- टुन्ना पांडेटुन्‍ना पांडेय ने कहा कि भाजपा ने मोहम्‍मद शहाबुद्दीन को बेस्‍ट सांसद का सम्‍मान दिया था। उन्‍होंने कहा कि जब शहाबुद्दीन पर प्रतापपुर में हमला हुआ तो पूर्व डिप्टी सीएम व भाजपा नेता सुशील कुमार मोदी ने भी उनके पक्ष में बयान दिया था। उन्‍होंने कहा कि शहाबुद्दीन ने केवल एक गलती की कि उन्‍होंने भागलपुर जेल से निकलने के बाद मुख्‍यमंत्री के बारे में एक बयान दिया। उनकी रिहाई से केवल दो लोगों को डर था। इसलिए ही उनके लिए ऐसी परिस्थिति पैदा की गई कि वे न रहें।

बीजेपी एमएलसी ने नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव के मोहम्मद शहाबुद्दीन के परिवार से अब तक न मिलने के सवाल का बचाव किया। टुन्ना पांडे ने कहा कि लालू परिवार का पूर्व सांसद के परिवार से बेहतर आत्‍मीय संबंध है। तेजस्‍वी ने जरूर ही अपने स्‍तर से हर प्रयास किया होगा। बता दें कि टुन्ना पांडे ने ये सारी बातें राजद के बैनर के सामने बैठकर कहीं।

गौरतलब है कि टुन्‍ना पांडे यूं तो भाजपा से निर्वाचित विधान पार्षद हैं, लेकिन पिछले विधानसभा चुनाव के ठीक पहले राजद से उनकी करीबी चर्चा में रही थी। हालांकि, भारतीय जनता पार्टी से उन्हें बाहर किया गया है या नहीं इसके बारे में अभी कोई पुख्ता सूचना सार्वजनिक नहीं है, पर ऐसा अक्सर देखा जा रहा है कि वह भाजपा की जगह राजद के बैनर के साथ नजर आ रहे हैं।

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