बिहार के 15 स्टेशनों पर 1.25 करोड़ खर्च कर बनाये 300 कोविड कोच, लेकिन नहीं हुआ किसी का इस्तेमाल

बिहार के 15 स्टेशनों पर 1.25 करोड़ खर्च कर बनाये 300 कोविड कोच, लेकिन नहीं हुआ किसी का इस्तेमाल

Patna: रेलवे की ओर से एक करोड़ 20 लाख रुपये खर्च कर यात्री बोगियों को कोरोना मरीजों के लिए विशेष कोविड केयर कोच बनाये गए हैं. इनमें मरीजों के इलाज से जुड़ी सभी व्यवस्था तैयार है. वहीं रेलवे की ओर से पटना जंक्शन समेत राज्यभर के 15 बड़े स्टेशनों पर कोविड केयर कोच पूरी तरीके से इलाज के तैयार खड़े हैं.

राज्य सरकार और स्थानीय जिला प्रशासन तथा रेलवे के बीच समन्वय नहीं बन पाने के कारण अब तक इन कोच में कोरोना मरीजों का इलाज शुरू नहीं हो सका है. ऐसा तब है जब रेलवे की ओर से एक यात्री बोगी को कोविड कोच में बदलने के लिए करीब 38 हजार रुपए खर्च किये गए हैं. यानी राज्य भर में 300 कोविड केयर कोच पर सवा करोड़ रुपये से अधिक खर्च हुए हैं.

राज्यभर में 15 स्टेशनों पर लगे हैं कोविड कोच
रेलवे से मिली जानकारी के अनुसार पटना जंक्शन पर कुल 20 केयर कोच तैयार खड़े हैं. इसके अलावा सोनपुर जंक्शन, छपरा जंक्शन, नरकटियागंज, जयनगर, कटिहार, भागलपुर, रक्सौल, बरौनी जंक्शन, समस्तीपुर जंक्शन, दरभंगा, मुजफ्फरपुर और सीतामढ़ी में प्रत्येक जगह 20-20 कोविड केयर कोच तैयार हैं. अकेले बिहार में कुल तीन सौ कोच अलग अलग रेलवे स्टेशनों पर कोरोना मरीजों के लिए तैयार कर दिए गए हैं लेकिन पिछले 20 दिनों से इन कोच का कोई इस्तेमाल शुरू नहीं हो सका है.

रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी राजेश कुमार बताते हैं रेलवे की ओर से कोच पूरी तरीके से तैयार कर दिया गया है. इसमें राज्य सरकार और स्थानीय जिला प्रशासन की ओर से कोच की मांग करने पर वे उसको हैंडओवर कर देंगे लेकिन अब तक राज्य सरकार की ओर से इस संबंध में कोई मांग नहीं आई है. इसलिए इन कोचों का कोई इस्तेमाल शुरू नहीं हो सका हो सका है.

मिली जानकारी के अनुसार कोविड केयर कोच के एक बोगी में कुल 16 कोरोना मरीज हो सकते हैं. वहीं पांच कोच के बाद एक एसी कोच लगाया गया है. एसी कोच में डॉक्टर और नर्सिंग स्टाफ समेत अन्य लोगों को रहने के लिए सुविधा दी गई है. रेलवे की ओर से सभी जरूरी सुविधाएं उपलब्ध कराने के साथ राज्य सरकार की भी इस संबंध में जिम्मेवारी तय की गई है. राज्य सरकार और रेलवे की जिम्मेदारी तय करने के संबंध में स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव ने राज्य के सभी जिला अधिकारी और सिविल सर्जन को इस संबंध में पत्र भी लिखा है लेकिन अब तक को भी केयर कोच का कोई इस्तेमाल शुरू नहीं हो सका है.

हद तो यह है कि रेलवे अस्पताल से जुड़े डॉक्टर भी अब इस मामले में कुछ नहीं बोल रहे. हिन्दुस्तान संवाददाता ने रेलवे अस्पताल के एक वरीय डॉक्टर से इस संबंध में पूछा कि कोविड केयर कोच मरीजों के लिहाज से कितने उपयोगी हैं? जवाब मिला कि ये मरीजों के लिहाज से ठीक हैं.

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