लालू यादव पर नज़र रखने के लिए तीन शिफ्टों में काम करेंगे तीन मजिस्ट्रेट, जानें क्यों पड़ी जरूरत

लालू यादव पर नज़र रखने के लिए तीन शिफ्टों में काम करेंगे तीन मजिस्ट्रेट, जानें क्यों पड़ी जरूरत

Patna: रिम्स के कैली बंगला ( स्पेशल वार्ड) में इलाज करा रहे सजायाफ्ता लालू प्रसाद से मुलाकात आसान नहीं होगी। वैसे लोगों को ही मुलाकात करने दिया जाएगा जिसे जेल प्रशासन से अनुमति मिली है। लालू प्रसाद से मिलने वालों पर नजर रखने के लिए जिला प्रशासन ने कैली बंगला के पास शुक्रवार से मजिस्ट्रेट नियुक्त कर दिया है, जो 24 घंटे मौजूद रहेंगे। तीन मजिस्ट्रेट तीन शिफ्टों में काम करेंगे।

मजिस्ट्रेट मुलाकात करने वालों का ब्योरा रखेंगे और जिसके पास इजाजत नहीं होगी उसे मुलाकात नहीं करने दिया जाएगा। कारा महानिरीक्षक ने रांची के उपायुक्त से मजिस्ट्रेट प्रतिनियुक्त करने के लिए पत्र लिखा था। इसके बाद मजिस्ट्रेट की तैनाती की गयी है। लालू प्रसाद से मुलाकात के लिए बिहार और दूसरे राज्य से आने वाले लोगों को 14 दिन का कोरंटाइन भी करना होगा।

इसलिए पड़ी जरूरत
लालू प्रसाद से रिम्स में मुलाकात करने वालों की संख्या हाल के दिनों में काफी बढ़ गयी थी। बिहार विधानसभा चुनाव के समय पर होने की घोषणा के बाद इनकी संख्या में और इजाफा हो गया था। लालू प्रसाद से मुलाकात के नाम पर कई लोग चुनाव में टिकट लेने के लिए भी आवेदन देने लगे थे। लालू के पुत्र तेज प्रताप 27 अगस्त के लालू से मुलाकात करने रिम्स वाहनों के काफिले के साथ पहुंचे थे। इससे रिम्स परिसर में जाम लग गया था और थोड़ी देर के लिए हंगामा भी हुआ था। राजद के अन्य विधायक भी बिहार से आकर लालू प्रसाद से मुलाकात करते थे। दो दिन पूर्व बाराचट्टी की विधायक समता देवी भी बिना अनुमति के लालू से मुलाकात करने के लिए रांची पहुंची थीं, लेकिन जिला प्रशासन के अधिकारियों ने उन्हें गेस्ट हाउस के पास रोक लिया था और 14 दिनों के लिए कोरंटाइन कर दिया।

सुरक्षाकर्मी करा रहे थे मुलाकात
लालू प्रसाद से मुलाकात के लिए जेल प्रशासन से अनुमति भी नहीं ली जा रही थी। एसएसपी की ओर से लालू प्रसाद की सुरक्षा में तैनात जवान ही इन नेताओं को मुलाकात करा रहे थे। कारा महानिरीक्षक ने उपायुक्त को लिखे पत्र में इसका उल्लेख करते हुए कहा है कि रिम्स में सुरक्षा और मुलाकातियों पर नजर रखने के लिए एसएसपी की ओर से सुरक्षाबलों को तैनात किया गया है, लेकिन वह लापरवाही बरत रहे हैं और अवैध तरीके से कई लोगों को लालू प्रसाद से मुलाकात करा रहे हैं। मुलाकाती लालू से मिलने के बाद राजनीतिक बयान भी दे रहे हैं। इस कारण सरकार के नियमों के तहत लालू प्रसाद की सुरक्षा और मुलाकातियों पर नजर रखने के लिए एक मजिस्ट्रेट नियुक्त करने की जरूरत है।

लालू को वार्ड में शिफ्ट करने के लिए जनहित याचिका भी दायर
लालू प्रसाद से बिना अनुमति मिलने वालों की संख्या बढ़ने पर झारखंड हाईकोर्ट में जनहित याचिका भी दायर की गयी है। इसमें कहा गया है कि राज्य सरकार ने नियमों का उल्लंघन कर पेइंग वार्ड से कैली बंगला में शिफ्ट करा दिया है। यहां मुलाकातियों पर कोई नियम लागू नहीं किया जा रहा है। जेल मैनुअल का उल्लंघन भी किया जा रहा है। अदालत से लालू के वार्ड में शिफ्ट कराने का आग्रह किया गया है। याचिका पर अभी सुनवाई नहीं हुई है।

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