Patna: अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि पर मंदिर निर्माण के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बुधवार को भूमि पूजन किया। इसके साथ ही भारत के सांस्कृतिक पुनर्जागरण की एक आधारशिला रखी गई। तभी तो पूरी दुनियां राममय हो गई है। ऐसे में 14 सालों से भगवान श्रीराम की आरती करने वाली मुस्लिम महिलाएं पीछे कैसे रहतीं। लमही के इंद्रेश नगर के सुभाष भवन में बुधवार को विशाल भारत संस्थान और मुस्लिम महिला फाउण्डेशन के संयुक्त तत्वावधान में ‘श्रीराम जन्मभूमि पूजनोत्सव’ का आयोजन सोशल डिस्टेंसिंग को ध्यान में रखते हुए किया गया।
अयोध्या से लाई गई श्रीराम जन्मभूमि की पवित्र मिट्टी दर्शन के लिए रखी गई। सुभाष भवन को झंडियों और हनुमान ध्वजा से सजाया गया। मुस्लिम महिलाओं द्वारा तैयार किए गए सजावटी दीपों को जलाया गया। हिन्दू-मुस्लिम महिलाओं ने मिलकर श्रीराम के भजन गाए गए।
भूमि पूजन के साथ ही महिलाओं ने शुरू की आरती
अयोध्या में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अभिजीत मुहूर्त में भूमि पूजन किया तो इधर काशी में मुस्लिम महिलाओं की विश्व प्रसिद्ध श्रीराम आरती शुरू हो गई। मुस्लिम महिलाओं ने भगवान श्रीराम की भव्य आरती कर अपनी खुशी का इजहार तो किया ही, साथ ही साम्प्रदायिक एकता का संदेश भी दिया। नाजनीन अंसारी द्वारा उर्दू में रचित राम आरती का गायन हुआ। हिन्दू-मुस्लिम महिलाओं ने मिलकर बधाई संदेश गाया।
मुस्लिम महिला फाउण्डेशन की नेशनल सदर नाजनीन अंसारी ने उर्दू में हनुमान चालीसा, राम प्रार्थना, राम आरती लिखा है। नाजनीन को हनुमान चालीसा फेम नाजनीन अंसारी के नाम से जाना जाता है। इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अखिल भारतीय कार्यकारिणी सदस्य इंद्रेश कुमार ने ऑनलाइन संबोधित करते हुये कहा कि ‘भगवान श्रीराम का मंदिर निर्माण पूरे विश्व को शांति के मार्ग पर ले जायेगा। दुनिया के सभी राष्ट्राध्यक्षों को एक बार भगवान श्रीराम का दर्शन करना चाहिये ताकि वे अपने देश में राम राज्य की तरह आदर्श राज्य स्थापित कर सकें।
14 साल से राम आरती कर रहीं नाजनीन
मुस्लिम महिला फाउण्डेशन की नेशनल सदर नाजनीन अंसारी ने कहा-मैं 14 सालों से श्रीराम आरती करती आ रही हूं। भगवान राम के भव्य मंदिर निर्माण से सबका गौरव बढ़ेगा। कोई भी भारतीय अपना धर्म बदल सकता है, लेकिन अपने पूर्वज नहीं बदल सकता। हमारे पूर्वजों के भी पूर्वज श्रीराम हैं।