CM नीतीश ने कहा- राज्य के खजाने पर पहला हक आपदापीड़ितों का

CM नीतीश ने कहा- राज्य के खजाने पर पहला हक आपदापीड़ितों का

Patna: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सोमवार को विधानमंडल के में कहा कि बाढ़ और कोरोना संक्रमण को लेकर सरकार पूरी तरह सजग और सचेत है. एक-एक चीज पर नजर रखी जा रही है. कोरोना से बिहार को अधिक खतरा है. यहां की आबादी बेहद घनी है और यह राष्ट्रीय औसत से तीन गुनी है. लिहाजा हमें बहुत सावधान रहने की जरूरत है. कोविड-19 देखते हुए बजट सत्र 16 मार्च को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया गया था. बड़े-बड़े लोग इस संक्रमण के चपेट में आ रहे हैं. गृहमंत्री भी संक्रमित हो गए हैं और सभापति खुद संक्रमित हुए थे.

केंद्र के अलावा राज्य सरकार अपने संसाधन से भी इंतजाम कर रही है. आज कोरोना जांच की संख्या बढ़कर 36 हजार प्रतिदिन से अधिक हो गई है. बाढ़ राहत शिविर में भी रैपिड एंटीजन किट से जांच की जा रही है. अब तो ऑन डिमांड जांच भी कराई जा रही है. डाॅक्टर से लेकर अन्य सभी अपनी मेडिकल स्टाफ को सरकार सहायता दे भी रही है. यदि कोरोना के कारण किसी की मौत होती है तो उसके पूरे सर्विस की सैलेरी संबंधित परिजन को मिलेगी.

परिजन को नौकरी की व्यवस्था की गयी है. यदि जरूरत पड़ी तो और मदद की जाएगी. कहा- 2.63 लाख बाढ़ प्रभावित परिवारों के खाते में 6-6 हजार रुपए ट्रांसफर किए गए हैं. लोगों को सहायता करने में जितनी भी जरूरत होगी, सरकार खर्च करेगी. उन्होंने फिर दोहराया कि सरकार के खजाने पर पहला अधिकार आपदा पीड़ितों का है.
प्रतिपक्ष पर किया कटाक्ष, कहा- जिनको जो स्टेटमेंट देना है देते रहिए, सुझाव का स्वागत: मुख्यमंत्री ने विपक्ष के किसी नेता का नाम लिए बगैर कहा- जिनको जो मन में आए स्टेटमेंट देते रहिए. इससे कुछ होने वाला नहीं है. उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया आज सबसे बड़ा अनसोशल हो गया है. उन्होंने विपक्ष से कहा- कोरोना या बाढ़ के मुद्दे पर सरकार को सुझाव दें, आपका स्वागत है.

काेविड-19 के कारण दुनिया आज असामान्य परिस्थिति से गुजर रही

पटना|सदन की कार्यवाही शुरू होते ही कार्यकारी सभापति अवधेश नारायण सिंह ने कहा कि दुनिया आज असामान्य परिस्थिति से गुजर रही है. विश्व कोविड-19 जैसी खतरनाक महामारी से जूझ रही है. मैं स्वयं इस रोग से पीड़ित होकर पटना एम्स में इलाजरत रहा हूं. हम सभी जनहित के सरोकारों से संबद्ध अपने संसदीय दायित्व के निर्वहन के लिए परिषद परिसर से अलग एक स्थान पर एकत्र हुए हैं. यह दर्शाता है कि सदन एक गतिमान और सक्रिय संस्था है. अपनी प्रतिबद्धता के साथ लोकहित और जनसमस्याओं के निराकरण के प्रति संवेदनशील है.

वेल में आया राजद, नारेबाजी की, 20 मिनट तक विधानसभा की कार्यवाही रही बाधित

विधानसभा की कार्रवाई अमूमन शांतिपूर्वक संचालित हुई. हालांकि, एक समय ऐसा भी आया जब सत्ता पक्ष के साथ विपक्षी सदस्यों की खूब तकरार हुई. वे आपस में उलझ गए और सदन की कार्रवाई 15-20 मिनट बाधित रही. कोरोना और बाढ़ को लेकर विशेष वाद-विवाद में सरकार के उत्तर के क्रम में विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव द्वारा स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे व जल संसाधन मंत्री संजय झा को आरोपित करने से नाराज मंत्री नंदकिशोर यादव ने लालू प्रसाद का बिना नाम लिए कह दिया कि जिस दल का राष्ट्रीय अध्यक्ष ही भ्रष्टाचार में चारा घोटाले का सजायाफ्ता हो और जेल में हो, वह क्या बात करेगा?

इसके बाद दोनों तरफ से तीखी तकरार शुरू हो गयी. राजद के अरुण कुमार तो नंदकिशोर यादव के करीब पहुंचकर विरोध जताने लगे. एक समय तो दोनों ओर से टकराव शुरू होने की भी नौबत आ गयी. अंत में स्पीकर ने उक्त टिप्पणी को कार्रवाई से निकालने की घोषणा की, तब जाकर मामला शांत हुआ.

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